G-20 समिट से पहले चीन की बौखलाहट सामने आई है। चीन ने अपने मानक मानिचत्र का नया संस्करण जारी किया है, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया। चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चीन, ताइवान और दक्षिण चीन सागर को अपना क्षेत्र बताया है। इसके बाद भारत ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा।
G-20 समिट से पहले चीन की तरफ से एक बार फिर तनाव बढ़ाने का प्रयास किया गया है। जानकारी के अनुसार चीन ने अपने मानचित्र का नया संस्करण जारी किया, जिसमें कई विवादित क्षेत्र शामिल हैं। चीन ने अपने मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चीन, ताइवान और दक्षिण चीन सागर को अपना क्षेत्र बताया है। भारत ने इस पर पलटवार किया और कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का हिस्सा रहा है और रहेगा।
चीन ने सोमवार को 2023 का नया मानचित्र जारी किया, जिसमें कई विवादित क्षेत्र शामिल हैं। चीन के इस मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चीन, ताइवान और दक्षिण चीन सागर को अपना क्षेत्र माना गया है। इससे पहले चीन ने अप्रैल 2023 में भारतीय अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नामों में बदलाव किया था।
भारत का पलटवार:
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर पलटवार किया और कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का हिस्सा रहा है और रहेगा। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह कहा कि चीन की इस तरह की कदमों से हकीकत नहीं बदलेगी।
इसे पहले की घटनाएँ:
चीन ने पिछले 5 साल में तीसरी बार अपने मानचित्र में विवादित क्षेत्रों के नामों में बदलाव किया है।
अप्रैल 2023 में चीन ने भारतीय अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नामों में बदलाव किया था।
इससे पहले 2021 में चीन ने 15 जगहों के नाम बदले और 2017 में 6 जगहों के नाम बदले थे।