धान मिलर्स को प्रोत्साहन राशि 100 रुपये करने पर विचार

Share on:

भोपाल : खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जित धान की मिलिंग/निस्तारण के लिये विभिन्न विकल्पों पर विचार के लिये बनाई गई मंत्री-मण्डलीय उप-समिति की बैठक आज मंत्रालय में सम्पन्न हुई। बैठक में समिति के सदस्यों में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह, वाणिज्यिक कर, वित्त, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा तथा आयुष (स्वतंत्र प्रभार) एवं राज्य मंत्री जल-संसाधन श्री रामकिशोर काँवरे उपस्थित थे।

बैठक में मिलर्स को प्रोत्साहन राशि बढ़ाने के प्रस्ताव पर समिति ने प्रोत्साहन राशि 25 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये किये जाने पर विचार किया। विभाग द्वारा वर्तमान में प्रोत्साहन राशि 25 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये किये जाने के बाद भी मिलर्स द्वारा मिलिंग में कोई रुचि नहीं दिखाई थी। अत: इस राशि को 50 से 100 रुपये किये जाने का प्रस्ताव रखा गया। प्रबंध संचालक नागरिक आपूर्ति निगम श्री अभिजीत अग्रवाल द्वारा प्रदेश में मिलिंग की विगत तीन वर्षों की धान उपार्जन, मिलिंग की तिथि एवं मिलिंग की अवधि सहित मिलिंग की शेष उपलब्धता पर डिजिटली विवरण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया।

समिति के सदस्य एवं मंत्री श्री रामकिशोर काँवरे ने कहा कि केप गोदामों को कवर्ड गोदाम में बदला जाना चाहिये, जिससे मौसम से होने वाले नुकसान से उपज को बचाया जा सके। इसके साथ ही मुख्य सड़क से गोदाम तक सड़क के निर्माण किये जाने का प्रस्ताव भी उन्होंने समिति के समक्ष रखते हुए कहा कि इससे परिवहन में सहूलियत होगी।

श्री अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में 750 राइस मिल हैं, जिनमें 35 हजार मीट्रिक टन मिलिंग प्रतिदिन की जा सकती है। भारत सरकार द्वारा सौरटेक्स आधारित मिलिंग को प्राथमिकता दी जाती है। प्रदेश में अभी 15 से 20 प्रतिशत सौरटेक्स मिल्स ही उपलब्ध हैं। विगत तीन वर्षों में सबसे ज्यादा धान का उपार्जन वर्ष 2020-21 में 37 लाख 26 हजार मीट्रिक टन किया गया। वर्ष 2017-18 में सबसे कम उपार्जन 16 लाख 60 हजार मीट्रिक टन किया गया था। वर्ष 2018-19 में धान की मिलिंग 15 मई, 2019 तक पूर्ण कर ली गई थी। शेष वर्षों में धान की मात्रा शेष थी। बैठक में प्रमुख सचिव खाद्य श्री फैज़ अहमद किदवई एवं प्रबंध संचालक नागरिक आपूर्ति निगम श्री अभिजीत अग्रवाल भी उपस्थित थे।