180 फीट ऊंचाई से कूदना यानी 25 मंजिला इमारत से कूदने के बराबर है, जो मैने किया । मैंने बंजी जंपिंग का अनुभव किया और यह वाकई एक अद्वितीय और रोमांचक अनुभव था। बंजी जंपिंग को मैंने पहली बार टॉरनेडो वाटर पार्क पर किया। में मध्य प्रदेश का तीसरा व्यक्ति था जिसने बंजी जंपिंग की। मुझसे पहले अमजद पटेल एवम महक राठौर ने यही किया था और इस अनुभव ने मेरे आत्मविश्वास को मजबूत किया और नए दृष्टिकोण प्रदान किए।
१५ अगस्त को हम प्रदेश के पहले बंजी जंपिंग साइट पर पहुँचे जो वहाँ पर बंजी जंपिंग के लिए स्थापित किया गया था। जब मैंने वह ऊँचाई देखी जिससे हमें जंप करना था, तो मेरे दिल की धड़कनें तेज हो गईं। लेकिन मैंने निर्णय लिया कि मैं इस महत्वपूर्ण और रोमांचक क्षण को अपने जीवन में एक बार जरूर अनुभव करना चाहता हूँ।
जब मेरी बारी आई, तो अजनबियों ने मुझे साहसिकता देने के लिए प्रेरित किया और मैंने जंप की दिशा में कदम बढ़ाया। जब मैं उस ऊँचाई से झूलते हुए नीचे देखने लगा, तो वह दृश्य अद्भुत था। मेरे दिल की धड़कनें तेज हो गईं, लेकिन मैंने अपने आप को साबित किया कि मैं इस साहसिक क्रिया को पूरा कर सकता हूँ।
फिर, अचानक, मैं झूलते हुए नीचे गिरने लगा। यह बात अद्वितीय थी, और मेरे आत्मविश्वास को और भी मजबूती मिली। वाकई, बंजी जंपिंग ने मुझे दिखाया कि किस प्रकार से साहस और आत्मविश्वास अपनी सीमाओं को पार कर सकते हैं और नए साहसिक परिप्रेक्ष्यों को स्वीकार कर सकते हैं।
इस अनुभव के बाद, मैंने अपने जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी साहस और आत्मविश्वास को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। बंजी जंपिंग ने मेरी सोचने की दिशा को बदल दिया और मुझे यकीन है कि इस अनुभव का प्रभाव आगे भी मेरे जीवन में महत्वपूर्ण रहेगा।
नीरज राठौर की कलम से