मणिशंकर अय्यर बोले – नरसिम्हा राव थे भाजपा के पहले प्रधानमंत्री, अयोध्या में राजीव गांधी का शिलान्यास था गलत!

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By Ritik RajputPublished On: August 24, 2023

New Delhi : कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने अपनी पुस्तक ‘मेमोयर्स ऑफ ए मावेरिक- द फर्स्ट फिफ्टी इयर्स (1941-1991)’ के माध्यम से अपने राजनयिक सफर को चर्चा किया। उन्होंने अपने स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक के शिक्षा संस्थानों में पढ़ाई की दास्तान, साथ ही अपने संबंधिता सहयोगियों, जैसे कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, के साथ की गई बातचीतों के अंशों को भी साझा किया। उन्होंने विवादित मुद्दों पर भी अपनी राय दी, जैसे कि राम मंदिर के शिलान्यास और राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने के समय। अपनी पुस्तक के औपचारिक विमोचन के अवसर पर अय्यर ने कई मुद्दों पर बात की।

मणिशंकर अय्यर ने कहा कि, “उन्हें पता चला कि, पी.वी नरसिम्हा राव “कितने सांप्रदायिक और कितने हिंदूवादी थे। अय्यर ने राज के साथ उस समय हुई बातचीत का जिक्र किया जब वह ‘राम-रहीम’ यात्रा निकाल रहे थे। अप्यर ने बताया ‘नरसिम्हा राव ने मुझसे कहा कि उन्हें मेरी यात्रा पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वह धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा से असहमत थे. मैंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा में क्या गलत है. उन्होंने कहा कि मणि तुम यह नहीं समझते कि यह एक हिंदू देश है।”

मणिशंकर अय्यर बोले - नरसिम्हा राव थे भाजपा के पहले प्रधानमंत्री, अयोध्या में राजीव गांधी का शिलान्यास था गलत!

साथ ही “उन्होंने कहा कि भाजपा के पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नहीं थे बल्कि भाजपा के पहले प्रधानमंत्री राव थे। राव ने कांग्रेस सरकार का नेतृत्व किया और 1991 से 1996 तक भारत के नौवें प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया, राजनयिक से नेता बने अय्यर ने यह भी बताया कि जब अचानक घोषणा की गई कि राजीव गांधी प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं तो उन्हें आश्चर्य हुआ कि एक कैसे इंडियन एयरलाइंस का एक पायलट देश को चला सकता है।”

उन्होंने कहा, “जब मैंने देखा कि वह इस देश को कैसे चलाते हैं, तभी में उनकी प्रशंसा करने लगा। ‘अय्यर ने बताया कि वह अगले संस्करणों में राजीव गांधी से जुड़े बोफोर्स और शाह बानो मामले जैसे विवादों का जिक्र करेंगे, अप्पर ने कहा, ‘मेरी समस्या यह थी कि मैं राजीव गांधी का विश्वासपात्र नहीं था. वास्तव में, मुझे लगता है कि वह सोचते थे कि मैं राजनीतिक रूप से अनुभवहीन हूँ. उन्होंने कभी मुझसे सलाह नहीं ली और किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर मेरी सलाह नहीं ली”।