NMML Converted As PMML : केंद्र सरकार ने राजधानी दिल्ली में स्थित नेहरू म्यूजियम का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय रख दिया है। बता दे कि,यह आदेश जारी होने के तुरंत बाद ही नेहरू म्यूजियम में लगे बोर्ड और गेट के साइन बोर्ड पर इस जगह का नाम बदला जा चुका है, ऐसे बोर्ड भी लगा दिए गए है। जिसकी तस्वीरें भी सामने आ गई हैं।
क्या है “नेहरू मेमोरियल” का इतिहास ? जानें
पंडित जवाहरलाल नेहरू, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और पहले प्रधानमंत्री रहे हैं। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद, वे नई दिल्ली के दिलीपराय मार्ग पर तीन मूर्ति भवन में आधिकारिक आवास स्थापित करने गए। यह भवन उनके प्रधानमंत्री पद की अवधि (1947-1964) में उनके आधिकारिक आवास के रूप में काम किया।
नेहरू मेमोरियल का निर्माण पंडित जवाहरलाल नेहरू की याद में किया गया था, जिन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता और पहले प्रधानमंत्री के रूप में भी जाना जाता है। नेहरूजी का जन्म 14 नवम्बर 1889 को हुआ था और उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सशक्त नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नेहरूजी की मातृभूमि से मोहब्बत थी और उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी के साथ मिलकर ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष किया। उनकी विशेषज्ञता आर्थिक विकास, शिक्षा, और विज्ञान में थी और उन्होंने भारतीय समाज को एक आधुनिक दिशा में आगे बढ़ाने का प्रयास किया। नेहरू मेमोरियल का निर्माण नई दिल्ली में शांति वन क्षेत्र में हुआ, जो भारतीय संगठन नेहरू मेमोरियल फंड द्वारा संचालित किया गया था। यह एक विशाल स्मारक है जिसमें नेहरूजी के विचार, उपलब्धियाँ, और योगदान को स्मृति में रखने का प्रयास किया गया है।
स्मारक में एक बड़ी प्रदर्शनी है जो नेहरूजी के जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती है, जैसे कि उनके स्वतंत्रता संग्राम के साथी, विचारशीलता, और राजनैतिक कार्य। स्मारक के आकर्षण में से एक नेहरू की छोटी और प्रिय वस्तुओं का प्रदर्शन है जो उनकी व्यक्तिगतता को दर्शाते हैं। नेहरू मेमोरियल के निर्माण के बाद, यह एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन गया है जो भारतीय और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह स्थल नेहरूजी की महत्वपूर्ण यादें और उनके योगदान को सलाम करने का एक आदर्श स्थल है।
नेहरू का आधिकारिक आवास बना ‘तीन मूर्ति भवन’
तीन मूर्ति भवन का निर्माण प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्री बनने के बाद आरंभ हुआ था। यह निर्माण 1960 में शुरू हुआ और 1966 में पूरा हुआ। यह भवन आधिकारिक रूप से पंडित नेहरू के आवास के रूप में बनाया गया था, लेकिन बाद में इसका प्रधानमंत्री आवास बनाया गया।
तीन मूर्ति भवन का नाम नेहरूजी के गुरु महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल के उपनामों “महात्मा”, “तीन मूर्ति” और “लोह पुरुष” से प्राप्त हुआ था। इसका उद्घाटन 13 मार्च 1966 को हुआ था और उस समय यह भवन नेहरूजी का प्रधानमंत्री आवास बन गया था। भवन का आकार 12 एकड़ है और इसमें कई विशाल और आलिशान कमरे, सभागार, और उपयोगकर्ता क्षेत्र हैं। भवन का मुख्य प्रवेश द्वार उत्तर में होता है, जो एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक स्थल है।
आज, तीन मूर्ति भवन नेहरूजी की यादों का महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है और यह भारतीय राजनीति, इतिहास और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।