क्यों मनाई जाती हैं हरियाली तीज, जानें 16 श्रृंगार की मान्यताएं

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Hariyali Teej 2023: सावन में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है हरियाली तीज जिसे हरतालिका तीज भी कहते हैं। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और अविवाहित लड़कियां अच्छे पति के लिए माता पार्वती से प्रार्थना करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाएं हरियाली तीज क्यों और कैसे मनाते हैं?

शिव पुराण के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए 107 जन्मों तक कठिन तप किया फिर भी उनकी मनोकामना पूर्ण नहीं हुई। वे अपने 108 वें जन्म में इसी हरतालिका तीज व्रत के प्रभाव से शिवजी को प्रसन्न करने में सफल रही। भगवान शिव ने माता पार्वती के व्रत से प्रसन्न होकर उनको अपनी अर्धांगिनी बनाया।हरतालिका तीज के दिन महिलाएं सोलह सिंगार करती हैं और शाम को पूजा के दौरान माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की वस्तुएं तथा भगवान शिव को वस्त्र अर्पित करती हैं।

जानें हरियाली तीज पर क्यों किया जाता हैं 16 श्रृंगार

क्या आप जानते हैं हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं सोलह सिंगार क्यों करती है? सोलह श्रृंगार अखंड सौभाग्य की निशानी होती है। यह तीज खास तौर पर माता पार्वती को समर्पित है। इसलिए सोलह श्रृंगार भी उन्हीं से जुड़े हुए हैं।16 श्रृंगार करके माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।

जानें हर श्रृंगार से जुड़ी मान्यताएं

1. स्नान सोलह श्रृंगारों में सबसे पहले श्रृंगार सुनने स्नान के समय शिकाकाई भृंगराज वाला उबटन आदि सामग्रियों का उपयोग किया जाता है इसके बाद कपड़े पहने जाते हैं दुल्हन है तो लाल लहंगा पहनना चाहिए हर और पीला रंग भी उपयोग में किया जा सकता है।

2. बिंदिया कुमकुम विवाहित महिलाओं को माथे पर जरूर लगाना चाहिए। यह पवित्र माना जाता है और यह गुरू बल बढ़ाती है।

3. सिंदूर मांग में लगाया जाता है ऐसा माना जाता है कि इसे मांग भरने से पत्ती की उम्र लंबी होती है।

4. आंखों की सुंदरता बढ़ाने के लिए काजल जरूर लगाना चाहिए यह मंगल दोष को दूर करता है।

5. मेहंदी हाथों में जरूर लगानी चाहिए यह हाथों की सुंदरता बढ़ाती है मेहंदी को शुभ माना जाता है इससे पति का प्यार बढ़ता है।

6. चूड़ियां अमर सुहाग का प्रतीक है इसमें लाल रंग खुशी हरा रंग समृद्धि का प्रतीक माना जाता है इसलिए पूजा के दौरान लाल और हरे रंग की चूड़ियां अवश्य पहने।

7. मंगलसूत्र के काले मोती बुरी नजर से बचाने में मदद करते हैं नौलखा हार स्वर्णमाला भी पहन सकते हैं। मंगलसूत्र विवाहित महिलाओं की निशानी होती है।

8. नथ जिसे नथनी भी कहते हैं। नाक में चांदी का तार या लॉन्ग जरूरी है। इससे बुध दोष दूर होता है।

9. गजरे को वाणी या चूड़ामणि भी कहते हैं यह बालों की सुंदरता बढ़ाता है और सुगंध के लिए लगाया जाता है।

10. मांग टीका माथे के बीच पहना जाता है। इसे विवाह के बाद शालीनता शादी का प्रतीक माना जाता है।

11. कुंडल जिसे झुमके या बाली भी कहा जाता है। स्वर्ण वाली या झुमके से राहु केतु दोष दूर होते हैं।

12. बाजूबंद पहनने से धन समृद्धि की रक्षा होती है। बाजूबंद सोने या चांदी का सुंदर कड़े की आकृति का होता है जिसे बाजू में पहना जाता है।

13. कमरबंद कमर में पहनने वाली तगड़ी होती है यह सुहागिन घर की मालकिन होने का प्रतीक है।

14. बिछिया सूर्य शनि दोष को दूर करती है। यह समस्याओं से लड़ने के साहस का प्रतीक है।

15. पायल जी से पाजेब भी कहा जाता है यह भी समस्याओं से लड़ने के साहस का प्रतीक मानी जाती है।

16. अंगूठी पहनने से पति-पत्नी के बीच का प्रेम और गहरा होता है।

हरियाली तीज 2023 कब है ?

हिंदू पंचांग के अनुसार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 18 अगस्त को रात 08 बजकर 01 मिनट से हो रही है। अगले दिन 19 अगस्त को रात 10 बजकर 19 मिनट पर इसका समापन होगा। उदया तिथि के अनुसार 19 अगस्त को हरियाली तीज मनाई जाएगी।