इंदौर 17 मार्च 2021: संस्कृति, पर्यटन एवं अध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि चरित्र, संस्कार एवं अध्यात्म के बिना मनुष्य का जीवन निरर्थक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हमारी संस्कृति के विभिन्न पहलुओं का समावेश करते हुए चरित्रवान एवं देशभक्त पीढ़ी निर्मित करने का ध्यान रखा गया है। मंत्री ठाकुर आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी भोपाल में भारतीय शिक्षण मण्डल द्वारा आयोजित सार्थक एजुविजन नेशनल एक्सपो एण्ड कॉन्फ्रेंस -2021 को संबोधित कर रही थी। उन्होंने शिक्षा, संस्कृति एवं अध्यात्म विषय पर अपने विचार रखें।
मंत्री ठाकुर ने कहा कि भारत जैसी भूमि विश्व में कहीं नहीं है। भारत के इतिहास को पढ़कर वर्तमान को गढ़ा जा सकता है। इतिहास में आत्म-गौरव एवं राष्ट्र-गौरव का भाव जागृत करने के पाठ़यक्रमों को नई शिक्षा नीति में समाहित करना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि वैदिक जीवन पद्धति से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
धर्म, संस्कृति, चरित्र, संस्कार, अध्यात्म और संस्कृति को हमारी शिक्षा पद्धति में पर्याप्त स्थान मिलेगा तो समाज का कल्याण होगा। मंत्री ठाकुर ने यहाँ लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने डायरेक्टरी का विमोचन भी किया।
कॉन्फ्रेंस में प्रो. गोविंद प्रसाद, प्रो. दिनेश कुमार, डॉ. ओमकार राय, प्रो. रमेश गौड़, डॉ. के.एस. सुशीला सहित शिक्षाविद, विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि और विद्यार्थी शामिल हुए।