देश की राजधानी दिल्ली में यमुना उफान पर है और इसमें अभी तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 1978 में यमुना का उच्चतम स्तर 207.49 मीटर था। फिलहाल यह उसे स्तर से भी एक मीटर ऊपर बह रही है हालात ऐसे हैं कि यमुना का पानी शहर में घुस चुका है। इससे न सिर्फ आम लोगों पर असर पड़ रहा है। बल्कि यमुना किनारे स्थित तीन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को भी अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया है। जिससे दिल्ली में तकरीबन 25% भी पानी सप्लाई का अभाव होगा।
इस बारे में दिल्ली के अरविंद केजरीवाल ने भी जानकारी देते हुए कहा यमुना में बढ़ते जल स्तर की वजह से वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद करने पड़ रहे हैं। इस वजह से दिल्ली के कुछ इलाकों में पानी की परेशानी होगी। जैसे ही यमुना का पानी कम होगा इन्हें जल्द से जल्द चालू करने की तैयारी करेंगे।
#WATCH | Delhi: Trucks, bus submerged in water as several areas of the city are reeling under flood or flood-like situations due to the rise in the water level of River Yamuna; visuals from Yamuna Bazar area pic.twitter.com/GYmr1zAlHk
— ANI (@ANI) July 13, 2023
जानिए दिल्ली के किन किन इलाकों पर पड़ेगा फर्क
जानकारी के मुताबिक देखा जाए तो दिल्ली के वजीराबाद वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की कैपेसिटी 102 मिलियन गैलन प्रतिदिन की है और चंद्रावल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की कैपेसिटी 90 मिलियन गैलन प्रतिदिन की है। जो कि यमुना का जलस्तर सामान्य होने तक बंद रहेंगे कुल मिलाकर 260 MGD पानी का कम उत्पादन होगा।
आपको बता दें, जिन तीन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स को बंद किया गया है। उसमें सेंट्रल दिल्ली नॉर्थ दिल्ली और साउथ दिल्ली में पानी की सप्लाई की जाती है। यानी दिल्ली के कमला नगर, शक्ति नगर, करोल बाग, पहाड़गंज, एनडीएमसी क्षेत्र, पुराना और राजेंद्र नगर, पटेल नगर, बलजीत नगर ,प्रेम नगर, इंद्रपुरी, कालकाजी ,गोविंदपुरी, तुगलकाबाद, संगम विहार, अंबेडकर नगर, प्रहलादपुर, रामलीला मैदान, दिल्ली गेट सुभाष पार्क, मॉडल टाउन, गुलाबी बाग, पंजाबी बाग ,जहांगीरपुरी, मूलचंद, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश बुराड़ी और आसपास के इलाके कैंट एरिया और दक्षिणी दिल्ली के इलाकों में पानी की सप्लाई पर असर पड़ेगा।