आज महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। वहीं पूरी कशी नगरी भी महाशिवरात्रि के महाउत्सव के रंग में रंग चुकी है। कशी में माता पार्वती संग भोलेनाथ के विवाह की पूरी तैयारी हो चुकी है। हल्दी की रस्म के बाद आज बाबा भोलेनाथ को दुल्हन के रूप में सजाया जा रहा है।
कशी नगरी के साथ बाबा भोलेनाथ और गोरा यानी पारवती को अच्छे से सजाया जा रहा है। ऐसे में बाबा को मेवे का सेहरा तो गोरा को गुजरती गुलाबी लहंगा पहनाया जाएगा। ये लहंगा गुजरात से मंगवाया गया है। बता दे, काशी में शिवरात्रि के अवसर पर बाबा विश्वनाथ और माता गौरा की रजतमयी प्रतिमा के स्वरूप में इस विवाह में शामिल होते हैं।
इस विवाह को पुरे रीती रिवाज से किया जाता है। साथ ही सभी रस्म निभाये जाते हैं। बता दे, विवाह के मंडप में भगवान शिव और माता पार्वती एक सूत्र में बंधते हैं इसलिए कर्मकांडी ब्राह्मण मंत्रों के साथ विवाह को सम्पन्न कराते हैं।
पहली बार मेवे का सेहरा
भगवान शिव खादी के बने हुए धोती कुर्ता धारण करेंगे, लेकिन सेहरा खासा आकर्षण का केंद्र होगा। दरअसल, इस बार उनका सेहरा मेवे से बनाया गया है। ऐसा पहली बार होगा जब शिव मेवे से बने सेहरे को धारण करेंगे।