मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के एक पंचायत से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जिसमें एक नहीं दो नहीं बल्कि पूरे 40 लोगों को सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया गया है। जी हां, अब यह 40 लोग अपने हाथ में दस्तावेज लेकर खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। मध्य प्रदेश में विदिशा जिले के कुरवाई में खजुरिया जागीर गांव में 40 सर्टिफाइड भूत है यह भूत खाना भी बनाता है, चारा भी काटते हैं और हाथों में आधार कार्ड थाम कर सरकारी दफ्तर भी घूमते हैं।
गांव में 40 साल की गुड्डी बाई अपने पति और तीन बेटे बहू के साथ रहती है। गुड्डी बाई और उनकी बहू सरकारी कागजों के हिसाब से भूत बन चुके हैं। गुड्डी भाई ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि हमें तो मार डाला हमारे सारे काम रूके हैं ना बच्चों की पढ़ाई हो रही है ना कोई और कम एक अन्य महिला राजकुमारी बाई ने कहा कि हमारा नाम आईडी से हट गया है। हमें मरा हुआ बताया गया है हमने सरपंच से हमारी मृत्यु हो गई की चर्चा भी की है।
लाडली बहन योजना का नही मिल पा रहा लाभ
27 साल की सुशीला मुख्यमंत्री की बहु प्रचारित लाडली बहन का लाभ नहीं ले पाई वह लेती भी कैसे अब हितग्राहियों में भूतों की क्रांतिकारी तो नहीं है। मुझे मृत घोषित कर दिया पंचायत में 19 साल के रामभजन पूरे परिवार के साथ गांव में रहते हैं। परिवार में वह कागजी मृत है। सरपंच सचिव सबसे आश्वासन मिल गया लेकिन कागजों में जीवित नहीं हो पाए हैं। राम भजन ने कहा कि कागज में मृत्यु लिखा आ रहा है। सबके पास गए सरपंच सचिव कहने लगे जुड़ जाएगा। लेकिन अभी तक नहीं जुड़ा परेशानी हो रही है। एडमिशन नहीं हो रहा है जुड़ ही नहीं रहा है हमारा नाम।
26 साल के कचिंदी लाल बताते हैं कि वह अकेले नहीं है। जिन्हें दस्तावेजों में मृत घोषित किया गया है। बल्कि इस गांव के 40 लोग और भी हैं जिन्हें कागजों में मृत घोषित कर दिया गया है। कंचेदी लाल ने कहा कि हमारे गांव में समग्र आईडी में नाम कट गए हैं। हमारे गांव में लगभग 40 लोगों को मृत घोषित कर दिया। हम पंचायत गए सरपंच सचिव ने कहा जुड़ जाएंगे फिर हम कुरवाई गई बोला को साहब ने जुड़ जाएंगे फिर विदिशा गए। वहां भी नहीं हुआ खाघान्न नहीं मिल रहा गरीबी रेखा वाला।