इंदौर. जीवन में खान-पान के साथ ही शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित व्यायाम एवं योग भी महत्वपूर्ण है। क्योंकि अच्छे खान-पान से जहां हमारा शरीर हृष्ट-पुष्ट होगा वहीं नियमित योग करने से हमारा स्वास्थ्य बेहतर होगा और हम बीमारियों एवं परेशानियों से बच सकेंगे।आप लोग हर मौसम, हर त्योहार पर प्रदेश – देश का व देशवासियों का ख्याल रखते हैं तो हमरा भी कर्यत्व है कि हम आपके बेहतर स्वास्थ्य का ख्य़ाल रखे। यह विचार मंगलवार को सेनानी 15वीं वाहिनी विसबल में आयोजित पुलिस स्वास्थ्य प्रशिक्षण शिविर में वाहिनी केअधिकारियों, कर्मचारियों को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य वक्ता आयुष मंत्रालय, सीसीआरएच की वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य एवं शहर के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एके द्विवेदी ने व्यक्त किए। अंतर राष्ट्रीय योग दिवस के एक दिन पूर्व दैनिक दिनचर्या, खानपान एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्या तथा निराकरण विषय पर वाहिनी द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर रखा गया था।
शिविर में डॉ. द्विवेदी ने पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों का कार्यप्रणाली के दौरान होने वाली कमर पीठ दर्द (बैक पैन), गर्दन दर्द (सर्वाइकल) और पैरो में वेरीकोस वेन्स की समस्या पर व्याख्यान दिया। इस दौरान पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से इन बीमारियों के लक्षण एवं योग तथा होम्यपौथिक दवाओं के माध्यम से निजात पाने के बारे में जानकारी दी। वहीं सर्वाइकल स्पोंडलाइटिस के लिए भुजंग आसन, लंबर स्पोंडलाइटिस के लिए सेतुबंध आसन एवं वेरीकोस वैन के लिए सर्वांग आसन करने की सलाह दी और उसके उदाहरण स्वरूप एक को करवाकर भी बताया। साथ ही दैनिक जीवन में पौष्टिक आहार लेने की सलाह दी ताकि खून की कमी इत्यादि की परेशानी न हो।
व्याख्यान के दौरान अधिकारियों-कर्मचारियों ने अपने एवं अपने परिजन की स्वास्थ्य समस्याएं पूछी जिसका उत्तर बताते हुए उनका योग एवं होम्योपैथिक चिकित्सा के माध्यम से उपचार की सलाह भी दी और स्वास्थ्य जिज्ञासा को शांत किया, साथ ही वाहिनी के अधिकारियों-कर्मचारियों को होम्योपैथिक उपचार बिना किसी परामर्श फीस के भविष्य में करने की घोषणा की। इस पर उपस्थित अधिकारियों-कर्मचारियों ने डॉ. द्विवेदी का तालियों के साथ अभिवादन कर आभार व्यक्त किया। इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. द्विवेदी का स्वागत सेनानी 15वीं बटालियन एसएएफ पंकज श्रीवास्तव एवं उप सेनानी पद्मविलोचन शुक्ल ने मोमेंटो एवं फूलदान प्रदान कर किया।