छतरपुर। गंगोत्री से मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित बागेश्वर धाम तक पदयात्रा करने वाली शिवरंजनी तिवारी इस समय सुर्खियों में बनी हुई है ।बता दें कि शिवरंजनी तिवारी कि बागेश्वर धाम तक पदयात्रा पूरी हो गई है। कुछ दिनों पहले इस पदयात्रा को धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से शादी करने से जोड़कर देखा जा रहा था, लेकिन ऐसा नहीं है शिवरंजनी तिवारी ने अपनी यह पदयात्रा अपमान का बदला लेने के लिए निकाली है।
जानिए क्या था संकल्प पदयात्रा का मकसद
एमबीबीएस छात्रा शिवरंजनी तिवारी ने अपनी पदयात्रा की सच्चाई मीडिया के सामने पेश की है। गंगोत्री से छतरपुर के बागेश्वर धाम तक शिवरंजनी तिवारी ने वीरेंद्र शास्त्री के साथ विवाह संकल्प को लेकर यात्रा निकाली थी। अब उसमें यू-टर्न आया है। इस संकल्प यात्रा को लेकर शिवरंजनी तिवारी ने खुलासा किया और कहा कि यह यात्रा 6 महीने पहले पिता और भाई के साथ हुए अपमान का बदला लेने के लिए निकाली गई है। आज उनके पिता बैजनाथ तिवारी ने इस यात्रा के बारे में खुलासा भी किया।
बैजनाथ तिवारी ने बताया कि 6 महीने पहले उनकी बागेश्वर धाम स्थित मारकंडे तेल की दुकान थी, जहां उन्होंने 3 दिनों तक तेल का व्यापार किया। तेल की ब्रांडिंग के लिए रुपए लेकर धीरेंद्र शास्त्री के पास भी पहुंचे ,लेकिन उन्होंने रुपए लेने से मना किया और सेवादारों ने उन्हें बागेश्वर धाम से ही भगा दिया। इसी अपमान का बदला लेने के लिए शिवरंजनी तिवारी ने संकल्प पदयात्रा की शुरुआत की।
बता दें कि शिवरंजनी तिवारी एक भजन गायिका है जोकि काफी सुर्खियों में भी बनी रहती है। ऐसे में कुछ दिनों तक वहां बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री से शादी करने को लेकर सुर्खियों में बनी हुई थी, लेकिन जब उनकी इस शंकर पदयात्रा में फेरबदल आया तो हर कोई हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि जब मैंने मीडिया के सामने कहा था प्राणनाथ शब्द तो उसे गलत तरीके से पेश किया गया।मैंने यह नहीं कहा था मेरा संकल्प शादी का है, बल्कि बागेश्वर धाम में जल चढ़ाने के बाद वापस अपने घर हरिद्वार लौट आएगी।