नई दिल्ली: पुलिस स्टेशन एक ऐसी जगह है जहां अपराधी हो या आम नागरिक सभी को जाने से डर सा लगता है। क्योंकि देश के कई राज्यों में से अपराधियों की पूछताछ के दौरान पुलिस थानों में बेरहमी से मारने की वारदाते सामने आई थी, इतना ही नहीं कई जगह पर तो इस मार से अपराधी ने अपनी जान ही गवा दी जिसके बाद देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशो में दिसंबर 2020 के उस आदेश को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं जिसमें पुलिस स्टेशनों में समयबद्ध तरीके से सीसीटीवी लगाने का आदेश दिया गया था।
पुलिस थानों में CCTV लगवाने के इस आदेश के लिए जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस हरिकेश रॉय की पीठ ने अपनी टिप्पणी में कहा कि “भारत के अनुच्छेद 21 के तहत देश के नागरिकों के लिए यह काफी महत्वपूर्ण विषय है” साथ ही इस आदेश के लिए एमिकस क्यूरी वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे द्वारा अदालत में जमा किए गए चार्ट को भी परखा गया है और इस चार्ट में समयसीमा को लेकर मांग रखी गई है।
पुलिस थानों में CCTV केमरो के लगाने को राज्य सक्रिय नजर नहीं आ रहे है क्योंकि इस आदेश के बाद भी राज्यों ने पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी लगाने के लिए कोई तय समयमीसा नहीं दी है। इस बात से बेंच काफी नाराज हो गई है और कहां है कि कोर्ट के आदेश का सही तरीके से पालन किया जाए।
पुलिस थानों में कैमरे लगाने के आदेश के लिए बेंच ने राज्यों को कहां कि “पुलिस थानों में सीसीटीवी लगाने के लिए एक महीने के भीतर बजट का आवंटन करे, जो 2 मार्च से प्रभावी होगी” और इस संदर्भ ने राज्यों को कोर्ट ने 5 महीनों का समय दिया है। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि राज्य इसके चार महीने के भीतर सभी थानों में सीसीटीवी लगवाएं।
इन राज्यों को इतना समय-
1.सबसे पहले उत्तरप्रदेश- कोर्ट ने यूपी राज्य को 9 महीनो का समय दिया है, और इस समय में CCTV लगवाने के आदेश दिए है, उत्तर प्रदेश के क्षेत्रफल को देखते हुए कोर्ट ने ऐसा आदेश दिया है.
2.दूसरे नंबर पर वे सभी राज्य है जहा विधानसभा चुनाव संपन्न कराये जाना है। जिनमे पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी को सीसीटीवी लगाने के लिए वक़्त थोड़ा बढ़ा दिया गया है।
3.मध्य प्रदेश में पुलिस थानों में CCTV लगवाने के लिए कोर्ट ने 7 महीने का वक्त दिया गया है, इस समय में ही उन्हें बजट भी बताना है।