भोपाल 26 फरवरी 2021: आज भोपाल में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहां कि देश में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर पिछले तीन माह से किसानो को प्रदर्शन जारी है इसी क्रम में देश के 400 से ज्यादा किसान संगठन के नेतृत्व में केंद्र सरकार के 3 काले कृषि कानूनों को हटाने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य के गारंटी को लेकर पूरे देश में आन्दोलन चल रहा है, लेकिन सरकार की हठधर्मिता के कारण अभी तक किसानों की समस्याओं का केंद्र सरकार द्वारा समाधान नही निकाला गया है जबकि कडकती ठण्ड में अब तक 200 से ज्यादा किसान अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं।
आगे उन्होंने कहा कि देश में चल रहे किसान आंदोलन में लाखों की संख्या में बच्चों से लेकर बुज़ुर्ग तक कडकती ठण्ड और अब गर्मी में सरकार से अपनी मांगों को लेकर गुहार लगा रहे हैं। आज सरकार को सोचना चाहिए की किसानों की फसल पककर खेतों में तैयार है, किसान को खेत में होना चाहिए उसके विपरीत किसान खेत खलिहान छोड़कर अपनी जायज मांगों को लेकर सड़क पर धरने पर बैठा है लेकिन सरकार के कानों में जू तक नहीं रेंग रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहां कि आज देश का किसान सरकार से सवाल कर रहा है की यदि सरकार का काम जन कल्याणकारी होता है तो पहली बार ऐसा हो रहा है की इन कानूनों से जिन किसानों के हित होने की बात कही जा रही है उन्हें इन कानूनों की आवश्यकता ही नहीं है, फिर भी सरकार किसानों के बजाये चुने हुए उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों पर इन कानूनों को थोपने का काम कर रही है।
प्रदेश में होगा किसान महापंचायतों का आयोजन-
साथ ही इस प्रेस वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि मध्यप्रदेश के किसान संगठन व किसान हितेषी राजनेतिक पार्टियों के प्रतिनिधि मिलकर इन तीन कानूनों की सच्चाई बताने, भ्रम दूर करने और जन जागरण के लिए किसानों से सीधा संवाद करने के लिए मध्यप्रदेश के ग्रामीण इलाकों में किसान महापंचायतों का आयोजन करेंगे और मध्यप्रदेश से देश में चल रहे किसान आन्दोलन को मजबूती प्रदान करेंगे।
बता दे कि प्रदेश में आयोजित होने वाली इस किसान महापंचायतों का सीधा उद्देश्य किसानों की बात, किसानों के बीच में करना है व् किसान आन्दोलन और गाँवों के बीच में एक समन्वय स्थापित करना है ताकि देश के किसान नेताओं की बात हमारे गाँवों के किसानों तक पहुंच सके। इन किसान महापंचायतों से मध्यप्रदेश के किसान अपने भविष्य का रास्ता तय कर सकेंगे।
महापंचायत में होगी सिर्फ किसानहितो पर चर्चा-
वार्ता में बताया गया है कि प्रदेश की इस किसान महापंचायत में राजनितिक चर्चा की बजाये सिर्फ किसान हित की ही चर्चा होगी। किसान महापंचायत का उद्देश्य किसानों से संवाद स्थापित करना है इसीलिए मंच की जगह सभी सम्मानीय आमंत्रित अतिथि जाज़म पर बैठेंगे और सिर्फ वक्ता ट्राली द्वारा बनाये गए मंच से अपनी बात रखेंगे। इस महापंचायत में किसी भी तरह का प्रदर्शन नहीं होगा, किसी का भी स्वागत नहीं होगा। किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए समस्त किसान हितेषी राजेनितिक दल एवं मध्यप्रदेश के किसानों के हितों के लिए काम करने वाले किसान संगठनों के पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया है।