पुडुचेरी: पुडुचेरी में इस सोमवार को पुडुचेरी में कांग्रेस सरकार का भविष्य अन्धकार में हो गया। दरअसल सोमवार कांग्रेस सरकार का भविष्य निर्धारित करने के लिए एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था। इस सत्र के दौरान उप राज्यपाल के निर्देशानुसार मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया। वहीं सीएम ने सदन में कहा कि, उनकी सरकार के पास बहुमत है। लेकिन बाद में नारायणसामी की सरकार ने विश्वास मत के दौरान बहुमत खो दिया। जिसके बाद उन्होंने उप राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
बता दे कि, बीते रविवार को कांग्रेस के विधायक के लक्ष्मीनारायणन और द्रमुक के विधायक वेंकटेशन के इस्तीफा देने के बाद 33 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 11 हो गई है, जबकि विपक्षी दलों के 14 विधायक हैं। साथ ही पुडुचेरी में कांग्रेस सरकार की विदाई के बाद अब वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की कवायद शुरू हो गई है, केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लगाने की फाइल भेजी है।
राष्ट्रपति शासन लगाने की फाइल पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसी सप्ताह विश्वास मत प्रस्ताव पर मतदान से पहले मुख्यमंत्री नारायणसामी ने इस्तीफा दे दिया था और केंद्र शासित प्रदेश की कांग्रेस नीत सरकार गिर गई थी ।
पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर मंत्री मंडल की बैठक में जो निर्णय लिया गया, जिसके बारे में सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया है कि “पुडुचेरी में सत्तारूढ़ दल के कुछ विधायकों के पार्टी से अलग होने के बाद नारायणसामी नीत सरकार ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद किसी ने भी सरकार गठन का दावा पेश नहीं किया साथ ही उपराज्यपाल ने पुडुचेरी में विधानसभा भंग करने की सिफारिश की।
बता दे कि पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर जावड़ेकर ने बताया कि बैठक में इस फाइल को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजरी दे दी, इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद विधानसभा भंग हो जायेगी। आगे उन्होंने कहां कि पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा आने वाले दिनों में होने की उम्मीद है और इसके बाद आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जायेगी ।