हिन्दू मान्यताओं में ऐसी कई तिथियां और शुभ नक्षत्र बताए गए है जिनका काफी ज्यादा महत्त्व होता है। एक ऐसा ही शुभ योग है गुरु पुष्य योग। जी हां, गुरु पुष्य योग 25 फरवरी से शुरू हो रहा है। इसको लेकर पौराणिक मान्यता है कि अगर कोई इंसान इस योग में भगवान सूर्य की पूजा अर्चना करे तो उसका शरीर निरोग रहता है। वहीं ये भी कहा गया है कि कुल 27 नक्षत्रों में पुष्प नक्षत्र को सबसे विशेष फल देने वाला एवं मंगलकारी माना जाता है। इस नक्षत्र को राजा माना जाता है। आज हम आपको इस योग का शुभ मुहूर्त और महत्व बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं –
शुभ मुहूर्त –
अमृतसिद्धि योग – फरवरी 25 सुबह 06 बजकर 55 मिनट – फरवरी 25 01 बजकर 17 मिनट तक रात्रि।
सर्वार्थसिद्धि योग – फरवरी 25 सुबह 06 बजकर 55 मिनट -फरवरी 25 रात्रि 01 बजकर 17 मिनट तक।
गुरू पुष्य योग – फरवरी 25 सुबह 06 बजकर 55 मिनट -फरवरी 25 रात्रि 01 बजकर मिनट तक।
महत्व –
जानकारी के अनुसार, गुरु पुष्य योग जिस दिन है इस दिन खरीदारी का और पूजा पथ का विशेष महत्त्व माना जाता है। इस दिन चन्द्रमा दिन-रात कर्क राशि पर संचार करेगा। वहीं इस दिन सूर्य कुंभ राशि पर रहेगा। ये दिन काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन गण्डमूल नक्षत्र है। जैसा की आप सभी को पता है गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। ऐसे में गुरुवार के दिन इस पुष्य नक्षत्र योग का होना अपने आप में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि इससे इसकी शुभता और बढ़ जाती है। मान्यताओं के अनुसार, गुरू पुष्प योग के दिन नया वस्तु ,जमीन, गाड़ी, स्वर्ण आभूषण आदि खरीदने का शुभ फल प्राप्त होता है। साथ ही व्यापार में बढ़त के लिए मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है।