अरविंद तिवारी
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा भोपाल यात्रा के दौरान पार्टी के सर्वशक्तिमान कोर ग्रुप को भी नसीहत दे ही गए। मध्यप्रदेश में पार्टी के कामकाज की समीक्षा के दौरान कई बार नड्ढा को तीखे तेवर दिखाना पड़े। पार्टी के कई बड़े नेता उनके सामने सफाई देते नजर आए। पूरा फीडबैक लेने के बाद मध्यप्रदेश आए नड्डा के सामने जब दो-दो महीने तक कोर ग्रुप की बैठक नहीं होने की बात आई तो उन्होंने सत्ता और संगठन के शीर्ष पर बैठे नेताओं से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब साथ ही नहीं बैठोगे तो फिर काम कैसे करोगे? अब उन्हें कौन बताए कि यहां इन नेताओं का साथ बैठना तो दूर, कई-कई दिन बात भी नहीं हो पाती है। अपनी-अपनी ढपली अपना अपना राग जैसी स्थिति है।
दिग्गज नेता के बेटे और ‘बड़े सरकार’ की पावरफुल रिकमेंड
पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के वकील बेटे आदित्य शंकर के सुप्रीम कोर्ट में मध्यप्रदेश सरकार का स्टेंडिंग काउंसिल बनने पर वकीलों के ही एक धड़े ने उंगली उठा दी है। इन लोगों का कहना है कि पात्रता न होने के बावजूद केवल दिग्गज नेता का पुत्र होने के कारण आदित्य को यह भूमिका मिल पाई। मध्यप्रदेश सरकार का विधि विभाग भी इस नियुक्ति के लिए रजामंद नहीं था, लेकिन ‘बड़े सरकार’ के आगे किसी की चल नहीं पाई। वकीलों के इस तेवर पर प्रसाद और उनके परिजन भी हैरत में हैं। हालांकि नाराज वकीलों को भी समझाया जा रहा है।
मैदानी हकीकत तो जामवाल ही पता कर रहे हैं
भाजपा में इन दिनों अजय जामवाल के दौरों की बड़ी चर्चा है। जिलों में जाकर जिस अंदाज में वे पार्टी के नेताओं पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से रूबरू हो रहे हैं उसका ही असर है कि जब भोपाल में पार्टी के नेता एक फोरम पर बैठते हैं तब कई ऐसी बातें सामने आती है जो संगठन के दिग्गजों को परेशानी में डाल देती है। उनके दौरों से सीधा फायदा यह हो रहा है कि विधानसभा स्तर से भी आगे की पार्टी की मैदानी स्थिति का पता चलने लगा है और इसी के आधार पर क्षेत्रवार आकलन भी हो रहा है। संगठन के प्रति मैदानी कार्यकर्ता का भरोसा बरकरार रखने में यह दौरे बहुत अहम भूमिका निभा रहे हैं।
पोस्टर की नजदीकी और मैदान की हकीकत
निमाड़ की राजनीति में इस बार नया कुछ देखने को मिला। सुभाष यादव के जमाने से ही इस परिवार से खरगोन विधायक रवि जोशी की अदावत रही है। यह सिलसिला अरुण और सचिन यादव के दौर में भी अभी तक बरकरार है। लेकिन इस बार सुभाष यादव की जयंती के मौके पर जिस अंदाज में लोगों ने रवि जोशी को देखा उनका चौंकना स्वाभाविक था। आयोजन को लेकर सोशल मीडिया पर जो निमंत्रण प्रसारित हुआ, उसमें अरुण और सचिन के साथ जोशी नजर आ रहे थे और उनके समानांतर जिले के दूसरे कांग्रेसी नेता। देखना यह है कि पोस्टर पर दिखी यह नजदीकी हकीकत में बरकरार रह पाती है या नहीं।
भोपाल के फरमान बनाम नए कमिश्नर का अलग अंदाज
इंदौर के दूसरे पुलिस कमिश्नर के रूप में मकरंद देऊस्कर की नियुक्ति से सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को होना है, जो अभी तक भोपाल से फोन करवाकर इंदौर में खेल जमा लेते थे। जमीन के बड़े जादूगर और कमाऊ थाने पाने के इच्छुक टीआई सीधे भोपाल से ही फरमान जारी करवा लेते थे। बीते कुछ महीनों में तो ऐसा अहसास होने लगा था कि इंदौर की पुलिस भोपाल से ही चल रही है। नए कमिश्नर के काम का एक अलग अंदाज है। पहले हफ्ते में ही वे इसका अहसास करवा चुके हैं। यह भी जान लीजिए कि देऊस्कर पर जितना भरोसा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करते है उतना ही प्रदेश पुलिस के मुखिया सुधीर सक्सेना।
सोशल मीडिया पर मरकाम और आनंद राय का द्वंद्व चरम पर
मुख्यमंत्री के उपसचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम और सरकारी नौकरी से बर्खास्त किए गए व्हिसलब्लोअर डॉ. आनंद राय का द्वंद्व सोशल मीडिया पर बहुत तेज हो गया है। मरकाम बहुत ही तल्ख अंदाज में फेसबुक पर डॉ. राय पर बरस रहे हैं और उन्हें गैर आदिवासी रायचंद बताने से भी नहीं चूक रहे हैं। इधर, राय नौकरी से बर्खास्त होने के बाद खुलकर मैदान संभाल चुके हैं और मरकाम की घेराबंदी का कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देते। पिछले दिनों सिवनी में हुए एक कार्यक्रम को लेकर जब मरकाम ने राय पर उंगली उठाई तो राय ने उन्हें आंखों का परीक्षण करवाने की सलाह तक दे डाली।
प्रतिभा पाल की शानदार पारी,चुनौती हर्षिका सिंह के लिए
इंदौर नगर निगम के आयुक्त के रूप में एक शानदार पारी खेलने के बाद प्रतिभा पाल अब रीवा की कलेक्टर बनाई गई है। इंदौर को स्वच्छता के मामले में नंबर वन पर बरकरार रखने में उनकी बहुत ही अहम भूमिका रही है। नगर निगम में कामकाज का ढर्रा सुधारने के लिए जो सख्त तेवर उन्होंने अख्तियार किए वह हमेशा याद रखे जाएंगे। उनका सफल कार्यकाल इस चुनौतीपूर्ण दायित्व को संभालने वाली नई आयुक्त हर्षिका सिंह की राह ठीक उसी तरह आसान करेगा जैसा आशीष सिंह के बाद प्रतिभा पाल के साथ हुआ था।
चलते-चलते
इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर एक बात तो साफ हो गई है कि यदि जे.पी. अग्रवाल अड़ गए तो फिर अरविंद बागड़ी ही अध्यक्ष पद पर बरकरार रहेंगे। वैसे विनय बाकलीवाल ने अभी भी आस नहीं छोड़ी है और वे कमलनाथ की ओर बहुत उम्मीद से देख रहे हैं।
पुछल्ला
इंदौर में रामनवमीं के दिन हुए हादसे के बाद जिस अंदाज में सांसद शंकर लालवानी की घेराबंदी उन्हीं की पार्टी के कुछ नेताओं के साथ सिंधी समाज के लोगों ने की है, वह आने वाले समय के लिए लालवानी के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
बात मीडिया की
दैनिक भास्कर के नेशनल ग्रूमिंग प्रोग्राम में इंदौर भास्कर के दो युवा रिपोर्टर अभिषेक दुबे और विश्वनाथ सिंह का चयन किया गया है। भास्कर का यह प्रोग्राम एमडी सुधीर अग्रवाल का बहुत ही महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इसके तहत देश के सात रिपोर्टरों का चयन किया गया है। नईदुनिया के वरिष्ठ साथी नवीन यादव का इस्तीफा प्रबंधन ने मंजूर ही नहीं किया। 15 दिन पहले नवीन ने स्टेट एडीटर को इस्तीफा सौंप दिया था, लेकिन इसे मंजूर करने की बजाय उन्हें समझा लिया गया।
पत्रिका न्यूज टुडे के एडीटर रहे वरिष्ठ पत्रकार लोकेन्द्र सिंह चौहान अब पत्रिका के सेंट्रल डेस्क पर महत्वपूर्ण भूमिका में आ गए हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में समान दखल रखने वाली वरिष्ठ पत्रकार रुखसाना मिर्जा टीम सिटी भास्कर का हिस्सा हो गई है।नई दुनिया के स्टेट एडिटर सद्गुरु शरण अवस्थी ने अखबार की मार्केटिंग टीम को बड़ा झटका दे दिया। अखबार में सौजन्य भेंट के लिए आए एक चर्चित सीरियल के सितारों की विजिट मार्केटिंग टीम द्वारा हाईजेक करने और कार्यक्रम की कमान पत्नियों को सौंपने के बाद अवस्थी ने इस कार्यक्रम की खबर को अखबार में जिस हल्के अंदाज में जगह दी उससे सब कुछ साफ हो गया।