भारत में साइबर क्राइम बढ़ते ही जा रहे हैं। हैकर्स और साइबर क्रिमिनल्स की ओर से प्राइवेट और पब्लिक कंपनियों की वेबसाइटों पर हमला होता रहता हैं। जिसके कारण कंपनीयों का प्राइवेट डाटा भी हैकर्स के हाथ लग जाता है। हालांकि, इस हैकिंग के पीछे हम कंपनियों की साइबर सुरक्षा जोखिमों से निपटने की तैयारी ना होना, इसका बड़ा कारण मान सकते हैं। देश के सिर्फ 24 फीसदी संगठनों में ही साइबर सिक्योरिटी के जोखिमों का सामना करने की तैयारी है। यह बात सिस्को की एक रिपोर्ट में सामने आई है।
साइबर सुरक्षा पर जरूरी कदम
इसके साथ ही सिस्को CISCO ने कहा कि उसकी अगले 3 साल में भारत में करीब पांच लाख साइबर सुरक्षा पेशेवरों को प्रशिक्षण देने की योजना है। कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी सिस्को ने मंगलवार को जारी अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा है कि वैश्विक स्तर के कारोबारी और सुरक्षा दिग्गजों ने अगर अभी ही जरूरी कदम नहीं उठाए तो साइबर सुरक्षा की तैयारी को लेकर फासला बढ़ सकता है। उस रिपोर्ट में सिस्को के पहले साइबर सुरक्षा तैयारी सूचकांक में अच्छा काम करने वाले संगठनों का भी उल्लेख है।
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कंपनियों के लिए साइबर सुरक्षा अहम
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि इस सर्वेक्षण में शामिल 90 फीसदी कंपनियों को यह डर सता रहा है कि अगले 12 से 24 महीनों में उनके बिज़नस को साइबर सिक्योरिटी से जुड़े मामलों का सामना करना पड़ सकता है। वैश्विक स्तर पर देखें तो सिर्फ 15% कंपनियां ही साइबर सुरक्षा से जुड़े जोखिमों का सामना करने के लिए तैयार है। जबकि इसकी तुलना में भारत में औसत 24 फीसदी है लेकिन अभी भी यह संख्या बहुत कम है।
सिस्को के भारत निदेशक, समीर मिश्रा ने कहा ‘डिजिटलीकरण के रास्ते पर तेजी से बढ़ रही कंपनियों के लिए साइबर सुरक्षा शीर्ष प्राथमिकता है, ऐसी स्थिति में उनके लिए साइबर सुरक्षा से जुड़ी तैयारियां काफी अहम है।’