शिवाजी जयंती उपलक्ष्य में 100 लोगो के शामिल होने की दी इजाजत, भाजपा ने किया था विरोध

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महाराष्ट्र: इस वर्ष शिवाजी जयंती 19 फरवरी को मनाई जाएगी जिसके चलते देश भर में इसके आयोजन की तैयारी की जा रही है, बता दे कि महाराष्ट्र में शिवाजी जयंती को हर वर्ष बड़े ही उत्साह और जोश से मनाया जाता है। लकिन इस बार छत्रपति शिवाजी जयंती के मनाये जाने को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने नए नियमो के साथ इसे मनाने का आदेश दिया है। इस बार महाराष्ट्र सरकार ने शिवजी जयंती को लेकर लोगो से अपील की है कि इस वर्ष शिवाजी जयंती को सादगी से मनाया जाये है। शिवाजी जयंती के लिए इस बार महाराष्ट्र सरकार ने गाइडलाइन्स भी जारी की है।

महाराष्ट्र सरकार के इस अपील और जयंती को लेकर दी गयी गाइडलाइन्स के लिए उद्धव सरकार पर भजपा ने अपना निशाना साधा है। उद्धव सरकार के इस बात पर उन्हें भाजपा द्वारा घेरा जा रहा है। भाजपा पार्टी ने उद्धव सरकार पर आरोप भी लगाया है कि ये कैसी सरकार है जो शिव जयंती मनाने की इजाजत नहीं दे रही है।

उद्धव सरकार पर भाजपा द्वारा उठाये गए सवालों के बाद जो विवाद शुरू हुआ था जिसमे महाराष्ट्र सरकार ने शिव जयंती के जश्न में सौ लोगों तक के शामिल होने की इजाजत दे दी है। जबकि विवाद के पहले इस आयोजन में शामिल होने के लिए लोगो की संख्या सिर्फ 10 लोगों तक की थी। सरकार ने ऐसा तब किया जब बीजेपी की ओर से चेतावनी दी गई थी कि अगर राज्य सरकार द्वारा 19 फरवरी को शिव जयंती मनाने की इजाजत नहीं दी जाती है, तो पार्टी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेगी। जिसके बाद उद्धव सरकार ने अपने नियमो को बदल दिया।

जब से उद्धव सरकार ने शिवाजी जयंती के लिए ऐसा निर्णय लिया था तब सबसे पहले भाजपा के नेता राम कदम ने आवाज उठायी थी जिसके लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी गई है कि शिव जयंती के मौके पर जो गाइडलाइन्स दी गई हैं, उन्हें हटाया जाए। इस चिट्ठी में राम ने सरकार से इस सवाल का भी जवाब माँगा था कि “जब कोरोना कंट्रोल में है, तो फिर लोगों को शिव जयंती क्यों नहीं मनाने दी जा रही है” इतना ही नहीं उन्होंने आगे तंज कस्ते हुए लिखा था कि “जब सभी राजनीतिक पार्टियां, सरकारी कार्यक्रम हो रहे हैं तो फिर शिव जयंती क्यों नहीं मनाने दी जा रही है, ये सब शिवाजी के महाराष्ट्र में हो रहा है”