जानें किस दिन पड़ रहा है पापमोचिनी एकादशी व्रत, भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए इस विधि से करें विशेष पूजा

Simran Vaidya
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जैसा की हम सभी जानते हैं कि महीने में दो एकादशी आती हैं। जिसमे एक शुक्ल पक्ष की और एक कृष्ण पक्ष की एकादशी होती हैं। यहां जो आने वाला व्रत हैं वो कृष्ण पक्ष एकादशी (पापमोचनी एकादशी, चैत्र, कृष्ण एकादशी) का उपवास सभी व्रतों में सर्वश्रेष्ठ और बेहद शुभफलदायी माना जाता है। एकादशी तिथि का नियमित व्रत रखने से मन और तन दोनों की ही शुद्धि होती है। इस व्रत को करने से मन पर संयम रखने की शक्ति प्राप्त होती है। साथ ही धन, आरोग्य, और मोक्ष मिलता है।

Papmochani Ekadashi: Get rid of sins on Papamochani Ekadashi, take these measures Papmochani Ekadashi: पापमोचनी एकादशी पर पाएं पापों से मुक्ति, करें ये उपाए

पापमोचिनी एकादशी का व्रत चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को रखा जाता है। एकादशी व्रत में श्रीहरि की पूजा के बाद कथा का श्रवण अवश्य ही करना चाहिए। ऐसी मान्यता हैं कि तभी व्रत-पूजन का पूर्ण रूप से फल प्राप्त होता है। पापमोचिनी एकादशी व्रत के परिणाम स्वरूप व्यक्ति हर तरह के पाप से विमुक्त हो जाता है। आइए जानते हैं पापमोचिनी एकादशी व्रत, पूजा का मुहूर्त और कथा।

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पापमोचिनी एकादशी 2023 मुहूर्त (Papmochini Ekadashi 2023 Muhurat)

इसी के साथ पापमोचनी एकादशी का व्रत 18 मार्च, 2023 शनिवार को रखा जाएगा। पापमोचिनी एकादशी तिथि के शुभ मुहूर्त का आगाज 17 मार्च को रात 2 बजकर 6 मिनट पर प्रारम्भ होगा और 18 मार्च को सुबह 11 बजकर 13 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। उदयातिथि के मुताबिक, पापमोचनी एकादशी का व्रत 18 मार्च को किया जाएगा। इस व्रत का पारण 19 मार्च को होगा। पारण का वक्त 19 मार्च 2023 को सुबह 06 बजकर 27 मिनट से 08 बजकर 07 मिनट पर होगा।

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पूजा का शुभ मुहूर्त – सुबह 07:58 – सुबह 09:29

पाप से मुक्ति पाने अप्सरा ने किया एकादशी व्रत

पापमोचनी एकादशी व्रत कथा 2023 – Papmochani Ekadashi vrat katha 18 March 2023  – Ekadashi kab hai - YouTube

क्रोधित होकर मेधावी ने मंजुघोषा को पिशाचनी होने का श्राप दे दिया. अप्सरा को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह मेधावी से क्षमा याचना करने लगी। उसने मेधावी से इस पाप का प्रायश्चित करने का उपाय पूछा, तब उन्होंने उसे पापमोचनी एकादशी व्रत रखने को कहा. पापमोचनी एकादशी व्रत के प्रताप से मंजुघोषा के सारे पाप मिट गए और वह पिशाचनी देह से मुक्त होकर देवलोक चली गई।वहीं काम क्रीड़ा में लीन रहने के कारण मेधावी भी तेजहीन हो गए थे। तब उन्होंने भी पापमोचनी एकादशी व्रत रखा, जिससे उन्हें भी पापों से मुक्ति मिल गई।

पापमोचनी एकादशी के दिन क्या उपाय करने चाहिए

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  • व्यापार में अपार सफलता पाने के लिए व्यक्ति को 11 गोमती चक्र और 3 छोटे एकाक्षी नारियल को मंदिर में चढ़ाना चाहिए और धूप से इनकी पूजा करनी चाहिए।
  • इसके बाद एक पीले रंग का कपड़ा लें और गोमती चक्र और एकाक्षी नारियल बांधकर अपने कार्यस्थल पर रख दें।
  • जॉब में प्रमोशन पाने के इच्छुक व्यक्ति को कच्चा नारियल और 8 बादाम भगवान विष्णु जी के मंदिर में भेंट कर देना चाहिए।
  • घर में सुख शांति बनी रहे इसके लिए पापमोचनी एकादशी पर भगवान विष्णु का ध्यान करें और भजन कीर्तन करते रहें।वहीं अगर इस एकादशी की रात में जाग कर भगवान विष्णु की पूजा की जाए तो हजार सालों की तपस्या का फल मिलता है।