हिंदू धर्म और ज्योतिष में तुलसी का बड़ा महत्त्व हैं। सभी के घर में तुलसी तो रहती ही है साथ ही सभी तुलसी की पूजा भी करते हैं। पर्यावरण को शुद्ध करने वाले, सकारात्मकता लाने वाले तुलसी के पौधे को घर के सामने लगाने की सलाह दी जाती है तुलसी के पौधे का धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व है। एक ओर जहां हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है तो दूसरी ओर इसकी पत्तियों के सेवन से कई बीमारियां भी ठीक हो जाती है। तुलसी की पत्तियों का सेवन करने से न सिर्फ इम्यूनिटी बढ़ती है बल्कि कई तरह के गंभीर रोगों से भी छुटकारा मिलता है।
वहीं हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है। खास बात तो यह हैं कि तुलसी में रोजाना जल चढ़ाने, पूजा करने से जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है। आज हम बता रहे हैं पूजनीय तुलसी के पत्तों को कब तोडना चाहिए और इसका सही तरीका क्या है।
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- ज्योतिष शास्त्र की माने तो, सूर्यास्त के बाद कभी भी तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा मन जाता है कि माता तुलसी, देवी राधा का ही एक स्वरूप हैं और शाम के समयराधारानी वन में श्री कृष्ण के साथ रास रचाने जाती हैं। ऐसे में शाम के समय तुलसी के पत्ते तोड़ने से रास में बाधा आती है।
- बिना नहाए कभी भी तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए। इसके अलावा भगवान के प्रसाद के लिए तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करते समय ध्यान रखें कि पत्ते 11 दिन से ज्यादा पुराने न हों।
- घर में कभी भी सूखा हुआ तुलसी का पौधा नहीं रखें, ऐसा अशुभ माना जाता है। यदि सूख जाए तो पौधे को किसी पवित्र नदी में विसर्जित कर दें।
- रविवार के दिन तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए और ना ही तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाना चाहिए। इस दिन तुलसी का पत्ता तोड़ने से जीवन में आर्थिक मुश्किलें आ सकती हैं।