नई दिल्ली: कोरोना के कारण सभी निजी स्कूल के बंद होने के कारण स्कूल की पिछले वर्ष की फीस बकाया है जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया है जिसके तहत अब राजस्थान के गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूल को फीस भुगतान को लेकर इजाजत दी है, जिससे राजस्थान के लाखो अभिभावकों को सदमा सा लगा है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के तहत अब प्राइवेट स्कूल प्रबंधन को यह इजाजत दे दी है कि अब वे वर्ष 2019-20 जिसमे कोरोना के कारण स्कूल बंद थे उस समय की लॉकडाउन के दौरान की 100 फीसदी फीस अब अभिभावकों से किश्तों के रूप में ले सकते है।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला स्कूल प्रबंधन को तो स्वीकार है लेकिन बात अगर अभिभावको की करे तो उनके लिए एक न्य चिंता का विषय साबित हो सकता है। क्योकि लॉकडाउन के दौरान की बकाया फीस अब स्कूल में 5 मार्च 2021 से 6 मासिक किस्तों में वसूल सकता है, इतना ही नहीं कोर्ट के आदेश क्ले अनुसार फीस का भुगतान न करने के आधार पर छात्रों को न तो निष्कासित किया जा सकता है और न ही उनके परीक्षा परिणाम रोके जा सकते हैं। बता दे कि यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर व जस्टिस दिनेश माहेश्वरी के पीठ ने दिया।
स्कूलो के लिए भी दिया आदेश-
सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश केवल अभिभावकों के लिए ही नहीं बल्कि कोर्ट ने राजस्थान सरकार को आदेश दिया है कि वो एक महीने के भीतर गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को बकाया राशि का भुगतान करे जो प्राइवेट स्कूलों द्वारा 25% ईडब्ल्यूएस छात्रों को आरटीई अधिनियम के अनुसार पढ़ाने के लिए वहन की जाती है।