नितिनमोहन शर्मा
एक दिन पहले देश की पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन इन्दौर की सँस्कृति बचाने की प्रदेश के मुखिया के समक्ष गुहार लगाती हैं, दूसरे दिन फिर वही नंगाई इन्दौर की सड़कों पर फिर पसर गई जिसका जिम्मेदार सरकार का नाईट कल्चर वाला नाईट लाइफ फैसला हैं। शहर की 8 बार की सांसद महाजन ने इस फैसले से शहर की हो रही दुर्गति को मुख्यमंत्री के सामने बैठकर विस्तार से बताया था। सीएम ने आश्वस्त किया था कि शहर की संस्कृति से कोई खिलवाड़ नही होने देंगे। लेकिन फिर खिलवाड़ हुआ। फिर नशे में धुत्त युवती का तमाशा पहले शहर ने और अब देख रहा हैं।
ये शर्मनाक हरकते अब इन्दौर के लिए रोज का काम हो गया है। पुलिस प्रशासन की शुरुआती सख्ती अब नदारद हैं। पब बार वाले बेखोफ हैं। नशे करने वाले युवा युवतियों की हरकतें भी बदस्तूर जारी हैं। लेकिन शिवराज सरकार नाईट लाइफ वाला फ़ैसले पर न पुनर्विचार कर रही है और न उसे नियम कायदों में बांध रही है।
प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने फेसले पर पुनर्विचार का वादा इसी शहर में महीने डेढ़ महीने पहले किया था। भौपाल जाकर वे भी शायद भूल गए। सीएम के लिए भी ये शहर सपनो का शहर तब तक ही रहता है, जब तक उनके “श्रीचरण” इन्दौर में रहते हैं। राजधानी जाकर वे भी सपने के शहर इन्दौर को फिर सपने के भरोसे छोड़कर मशरूफ हो जाते हैं। भुगतना इन्दौर और इंदोरियो को पड़ रहा है। आये दिन उनको अपने शहर को देश प्रदेश में शर्मसार होते देखना पड़ता है।
शुक्रवार को फिर एक लड़की पब से बाहर निकलने के बाद होश खो बैठी ओर सड़क पर ही लुढ़क गई। साथ वालो ने उसे सम्भालने की बजाय मौके से रवाना हो गए। पब की महिला बाउंसर भी तमाशबीनों की भीड़ का हिस्सा ही बनी रही। मौके पर पुलिस की भूमिका मूकदर्शक की रही जो अब रोज की बात हो गई हैं। नशे में धुत्त होने वाली लडकिया पुलिस से भी हुज्जत करने में देर नही कर रही। नतीजतन पुलिस अब हाथ बचाकर काम करने लगीं। ऐसी नशेड़ी लड़कियों से निपटने के लिए बनाई गई शक्ति वाहिनी का मूवमेंट्स भी शुरुआती दौर के बाद अब कही नजर नही आ रहा। परिणामस्वरूप इन्दौर के हिस्से में ये डार्क नाईट का डार्क कल्चर स्थाई होता जा रहा है।
सड़क पर ही लोटपोट हो गई टल्ली लड़की
कल रात फिर विजय नगर क्षेत्र के सतगुरु परिणय बिल्डिंग में चलने वाले एक पब में साथियों के साथ पहुंची एक युवती नशे में इतनी धुत हो गई कि साथी उसे छोड़कर रवाना हो गए। युवती इतनी टल्ली थी कि उसे कपड़ो तक का होश नही था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पिचर्स पब से एक युवती बाहर निकली और यूनियन बैंक ब्रांच के सामने बेसूध होकर सड़क पर लोट लगाने लगी। वहीं दूसरी ओर पिचर्स पब पर तैनात महिला बाउंसरों से युवती को उठाया तक नही। नाही पुलिस को सूचना कर महिला पुलिस बुलवाकर उसकी मदद करवाई।
अन्य पबो से निकलने वाले युवक युवतियों ने टल्ली युवती को उठाकर उसे पानी पिलाया उसपर पानी डालकर उसका नशा उतारा। होश आने के बाद उसके मोबाइल का लॉक खुलवाकर लॉस्ट डायल पर कॉल कर परिचित को बुलवाकर घर रवाना हो गई।
पुलिस भी बेबस दिखाई देती इन नशेड़ीयो के सामने। जब भी इस तरह के मामले की सूचना पुलिस को मिलती है तो पुलिस वाले भी मौके पर पहुंच कर भी उन्हें कई बार उल्टे पैर उन्हें वापस लौटा पड़ता है। इसका एक बड़ा कारण है यह होता है कि युवक युक्तियां फिर अपने अधिकारों को लेकर कानूनी दांवपेच दिखाने लगते हैं।