इंदौर: एक लाख से दो लाख रूपए तक के बकायादारों की संख्या भी कंपनी स्तर पर एक हजार से ज्यादा है, यह चिंताजनक है। ऐसे बड़े बकायादारों से बिजली बिल रकम वसूलने की हर संभव कोशिश की जाए। अधीक्षण यंत्री इस मामले में स्वयं मौके पर पहुंचे।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने ये निर्देश दिए। शुक्रवार की दोपहर सभी 15 जिलों के इंजीनियरों को पोलोग्राउंड स्थित सभागार से मिटिंग में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इंदौर शहर, इंदौर ग्रामीण, देवास एवं उज्जैन जैसे बड़े इलाकों में राजस्व संग्रहण के पूरजोर प्रयास किए जाए। कंपनी स्तर पर 1 हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं पर 1 लाख से ज्यादा की बिल राशि वसूली योग्य पाई गई है।
इसी माह इन सभी उपभोक्ताओं तक पहुंचकर वसूली की जाए। तोमर ने कहा कि इंदौर ग्रामीण के इंजीनियर किसानों का सिंचाई कनेक्शन अंशदान भी फरवरी में ही संग्रहित करे। फरवरी में इंदौर शहर में बिल संग्रहण सवा पांच लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं से करना जरूरी है। इसके लिए दैनिक लक्ष्य लेकर उसे हर हाल में हासिल किया जाए।
उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि गैर कृषि सभी उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति की जा रही है, यह प्रतिदिन 23 घंटे 56 मिनट से ज्यादा आ रही है। कुछ मिनट का अंतर मैंटेनेंस, ब्रेक डाउन, प्रशासन व निगम के जरूरी कार्यों आदि को लेकर बिजली बंद रखने में आ रहा है। प्रबंध निदेशक तोमर ने नीमच एवं खंडवा में आपूर्ति व्यवस्था में और सुधार की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि बड़े शहरों में असेस्मेंट फ्री बिल व्यवस्था पर पूरा ध्यान लगाय़ा जाए, इसमें लापरवाही न हो। मिटिंग में कार्यपालक निदेशक संजय मोहासे एवं गजरा मेहता, मुख्य अभियंतागण कैलाश शिवा, एसएल करवाड़िया, एसआर बमनके, पुनीत दुबे, अतिरिक्त मुख्य अभियंता अशोक शर्मा, अधीक्षण यंत्री कामेश श्रीवास्तव, डीएन शर्मा, अंतिम जैन, निर्मल शर्मा आदि ने भी विचार रखे।