इस दिन रखा जाएगा विजया एकादशी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, सही पूजन विधि और इसका महत्त्व

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भगवान विष्णु की आराधना और उपासना के लिए एकादशी का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसी मान्यता है इस दिन व्रत रखने और सही विधि विधान से पूजा करने से जातक के सभी कष्टों का निराकरण होता हैं. आइए जानते हैं कब रखा जाएगा विजया एकादशी का व्रत और क्या है सही पूजन विधि.

Vijaya Ekadashi 2023: कब है विजया एकादशी? व्रत रखने वालों को इन बातों का रखना चाहिए ध्यान

हर वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है. भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना के लिए यह तिथि अत्यधिक शुभ मानी जाती है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने का अधिक लाभ है. इससे व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उनके जीवन में सुख-समृद्धि आती है. कहा जाता है कि जिस किसी पर भी श्री हरि नारायण की कृपा बरसती है उनके जीवन में कभी कोई समस्या नहीं आती है. विजया एकादशी के दिन कुछ ऐसे उपाय होते हैं जिन्हें करना शुभ माना जाता है. चलिए जानते हैं कि कब रखा जाएगा एकादशी का व्रत और क्या है शुभ मुहू्र्त।

एकादशी का शुभ मुहूर्त

इस महीने पड़ने वाली विजया एकादशी की तिथि को लेकर बहुत लोगों में कन्फ्यूजन बना हुआ है. फाल्गुन महीने​ के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली यह तिथि इस बार 16 फरवरी 2023, बुधवार को है. जिसका शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगा जो अगले दिन मतलब 17 फरवरी को सुबह 02 बजकर 49 मिनट पर ख़त्म होगा. वहीं पारण, अथवा व्रत तोड़ने का टाइम 17 फरवरी को सुबह 08 बजकर 01 मिनट से लेकर सुबह के 09 बजकर 13 मिनट तक रहेगा.

एकादशी पूजन विधि

  • ग्यारस के दिन सर्व प्रथम प्रात काल स्नान करें और फिर व्रत का प्रण लें.
  • भगवान श्री हरि विष्णु की उपासना करने से पहले घर के पूजा घर की अच्छे से सफाई कर लें. यदि गंगा जल हो तो उस स्थल पर थोड़े से छींटे मार कर उस स्थल को पवित्र कर दें.
  • साथ ही कोशिश करें कि भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर को साफ़ जगह पर ही स्थापित करें. इसके बाद उनके सामने देसी घी का दीपक जलाएं.
  • भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना के बीच श्री नारायण को चंदन, फूल और रोली आदि समर्पित करें. भोग के रूप में आप फल या कोई भी पकवान या मिष्ठान अर्पित कर सकते हैं.
  • भगवान श्री हरि विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी को तुलसी अति प्रिय हैं इसलिए भोग में तुलसी के पत्तों का उपयोग अवश्य करें.
  • एकादशी के दिन भूलकर भी चावल का सेवन करना चाहिए. यदि आपके घर परिवार में किसी सदस्य ने व्रत नहीं भी रखा है तो भी इस दिन घर में चावल बनाने से बचना चहिए।
  • एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा अर्चना करनी चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से जातक के जीवन में अपार तरक्की आती है और भगवान विष्णु की विशेष कृपा से घर में कभी धन-धान्य का अभाव नहीं होता है.
  • एकादशी के दिन संसार के पालनहारे भगवान श्रीहरि विष्णु को खुश करने के लिए उन्हें पीले वस्त्र, पीले पुष्प, पीले रंग के फूलों की माला, पीली मिठाई, फल आदि अर्पित करें.
  • ऐसा कहा जाता है कि पीपल में भगवान विष्णु का वास होता है. इसलिए इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा अवश्य करनी चाहिए. जया एकादशी के दिन किसी मंदिर में स्थित पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाएं और उसके समक्ष देसी घी का दीपक भी जलाएं.
  • एकादशी के दिन मांसाहार के सेवन से बचना चाहिए. और तामसिक आहार से दूरी बनाए रखना चाहिए, इस दिन मात्र एक बार भोजन करें और वो भी फलाहार ही होना चाहिए. इस दिन चावल खाने से परहेज करें .
  • पूजा के बाद फिर गाय को हरा चारा खिलाएं और कुछ जरूरतमंद को दान के साथ भोजन अवश्य ही कराए और किसी श्रेष्ठ ब्राह्मण को श्रद्धा के अनुसार दक्षिणा अवश्य दें.