तीन लाख करोड़ के कर्जे में डुबी मध्यप्रदेश सरकार विकास के नाम पर एक बार फिर खुले बाजार से 3000 करोड़ का कर्ज ले रही है. इससे प्रतीत होता है कि मध्यप्रदेश अब आर्थिक रूप से बीमारू राज्य की तरफ बढ़ रहा है. प्रदेश के हर नागरिक पर 48000 का कर्जा है.प्रदेश के वार्षिक बजट से भी ज्यादा कर्ज है. वही दूसरी ओर दिल्ली सरकार आम जनता को कई मूलभूत सुविधाओं निशुल्क देने के बाद भी हरबार फायदे का बजट दे रही है.
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आप पूर्व प्रदेश प्रवक्ता हेमंत जोशी ने बताया कि अकुशल आर्थिक प्रबंधन और लोक लुभावनी गैर जरूरी योजनाओं में प्रदेश की जनता पर कर्ज का बोझ बढ़ाने की कोशिश है. जबकि प्रदेश की जनता पेट्रोल डीजल मूल्य पर असमान करवृद्धि ओर अनियंत्रित मंहगाई से पहले ही परेशान है. आम आदमी पार्टी मांग करती है कि सरकार आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र जारी कर प्रदेश की जनता को उसकी गाढ़ी कमाई की वस्तुस्थिति अवगत कराएं.