आयकर में लघु उद्योगों को धारा 44 एबी के तहत टर्नओवर की छूट को 3 करोड़ तक किया जाना चाहिए – Deepak Bhandari

Suruchi
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2017 के बाद जीएसटी पोर्टल की समस्या के कारण उद्यमियों को सरकार द्वारा पेनल्टी लगाई गई विरोध करने पर सरकार द्वारा वादा किया गया था, कि पेनल्टी लौटा दी जाएगी किंतु आज तक नहीं लौटाई कई छोटे व्यापारी और उद्यमियों के जीएसटी पंजीयन कैंसिल कर दिए गए थे। उन्हें विभाग द्वारा पुनः बिना किसी शुल्क के मुख्यधारा में आने का मौका दिया जाना चाहिए। जीएसटी में विलंब से कर भरने पर जो ब्याज का प्रावधान है उसे 3 साल आगे बढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि कई उद्यमी और व्यापारी आज भी जीएसटी को समझ नहीं पा रहे हैं।

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आयकर (Income Tax) में लघु उद्योगों को धारा 44 एबी के अंतर्गत टर्नओवर की छूट को 3 करोड़ तक किया जाना चाहिए। ऑडिट में सभी के लिए छूट 5 करोड़ तक की की जाए। इस लघु उद्यमी एवं व्यापारियों को सहूलियत होगी।
कर मुक्त आय की सीमा ₹5,00,000 तक कर देना चाहिए। इससे ऊपर की आय पर मकान किराया, स्कूल फीस, एलआईसी, मूलधन का ब्याज एवं धारा 80 के समस्त छूटो का प्रावधान होना चाहिए।

फैस लेस स्कीम के तहत प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का लागू किया जाना चाहिए। मात्र दस्तावेजों के आधार पर निर्णय देना एवं करारोपण करना उचित नहीं है। इससे अपील ट्रिब्यूनल का बोझ बढ़ेगा और उद्यमियों एवं व्यापारियों को अनावश्यक खर्च करना होगा। दीपक भंडारी प्रेसिडेंट, ग्लोबल फोरम फॉर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट  प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल।

Source : PR 

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