दिल्ली: पुराने वाहनों पर लगेगा “हरित कर”, पैसो का इस्तेमाल होगा पर्यावरण नियंत्रण में

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By Rishabh JogiPublished On: January 26, 2021

नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ रहे प्रदुषण से आप सभी वाकिफ होंगे यहां प्रदूषण के कारण सांस लेना भी काफी मुश्किल होता है, जिसका एक कारण वाहन भी है दिल्ली में अत्यधिक वाहनों के कारण प्रदूषण भी बढ़ रहा है जिसके लिए सरकार ने इवन और ओड सिस्टम से वाहनों के चलाने के नियम लागु किए हुए है, ताकि इससे प्रदूषण को काम किया जा सके लेकिन बावजूद इसके प्रदूषण कम नहीं हो रहा है, इसलिए सरकार ने पुराने वाहनों को लेकर एक नया नियम लागू करने की तैय्यारी में जुट चुकी है।

बता दे कि प्रदूषण पर लगाम कसने और पर्यावरण की रक्षा के लिए सरकार ने पुराने वाहनों पर हरित कर लगाने की तैयारी में है और जल्द ही इस नियम के लागु होने की बात भी सामने आ रही है। जिसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। साथ ही पुराने वाहनों पर हरित कर को लेकर मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड, इलेक्ट्रिक वाहनों तथा सीएनजी, इथेनॉल व एलपीजी जैसे वैकल्पिक ईंधनों पर चलने वाले वाहनों को इस कर के दायरे से बाहर रखा जायेगा। साथ ही जो हरित कर अन्य वाहनों से वसुल किया जायेगा उसे प्रदूषण नियंत्रण करने में उपयोग किया जाएगा।

वाहनों पर हरित कर लगाने को लेकर मंत्रालय का कहन है कि ”केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने प्रदूषण फैला रहे पुराने वाहनों पर हरित कर लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।” साथ ही “इसे अंतिम रूप से अधिसूचित करने से पहले राज्यों के पास परामर्श के लिए भेजा जाएगा, जिसमे योजना के तहत, आठ साल से अधिक पुराने परिवहन वाहनों पर फिटनेस प्रमाणपत्र के नवीनीकरण के समय सड़क कर के 10 से 25 प्रतिशत की दर से हरित कर वसूला जा सकता है।”

मंत्रालय ने आगे अपने बयान में कहां है कि ”15 साल के बाद पंजीयन प्रमाणपत्र के नवीनीकरण के समय व्यक्तिगत वाहनों पर हरित कर वसूला जाएगा। सिटी बसों जैसे सार्वजनिक परिवहन वाहनों पर कम दर से हरित कर वसूला जायेगा। अधिक प्रदूषित शहरों में पंजीकृत वाहनों पर अधिक दर से कर लग सकता है, जो सड़क कर का पचास प्रतिशत तक हो सकता है।” इतना ही नहीं हरित कर को वाहनों के प्रकार तथा ईंधन के प्रकार के आधार पर अलग-अलग कर लगाया जा सकता है।