इंदौर। रबी सीजन में बिजली वितरण कंपनी ने किसानों की हर संभव मदद की है। मालवा निमाड़ के 13 लाख से ज्यादा किसानों को प्रतिदिन दस घंटे बिजली उपलब्ध कराई जा रही है, वहीं जिन किसानों के पास सिंचाई के लिए स्थाई कनेक्शन नही है, उन्हें अस्थाई कनेक्शन प्रदान किए है। अब तक रबी सीजन में 94 हजार किसानों को अस्थाई कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि मालवा-निमाड़ उन्नत कृषि के लिए जाना जाता है, इसलिए बिजली कंपनी के लिए रबी सीजन काफी महत्वपूर्ण हैं। इसलिए रबी सीजन में सभी व्यवस्थाएं सुचारू चलने के लिए कंपनी के कर्मचारी, अधिकारी तीन चार माह विभागीय स्तर पर सघन तैयारी करते है। तोमर ने बताया कि बिजली वितरण कंपनी रबी सीजन में किसानों को मांग व शासकीय योजना के अनुरूप दस घंटे दैनिक आपूर्ति कर रही है। तोमर ने बताया कि जिन किसानों ने स्थाई कनेक्शन नहीं ले रखे है, उन्हें नियमानुसार अस्थाई कनेक्शन प्रदान किए जा रहे है, ताकि वे वैध तरीकों से आसानी से सिंचाई कर पाए, फसल उत्पादन में अपनी भूमिका निभाएं। तोमर ने बताया कि अब तक लगभग 94 हजार किसानों को अस्थाई कनेक्शन दिए गए है, ताकि रबी सीजन में वे वैकल्पिक जलस्त्रोत से सिंचाई कार्य कर सके।
तीन हार्स पावर की मोटर के लिए चार माह के सिंचाई कार्य के लिए अस्थाई कनेक्शन के मात्र 6897 रूपए ही लिए जा रहे है। प्रबंध निदेशक ने बताया कि पूर्व से मौजूद स्थाई कनेक्शन से दूर अन्य जलस्त्रोत, नदी, तालाब से पानी लाने के लिए या स्थाई कनेक्शन नहीं होने पर अस्थाई कनेक्शन दिया जा रहा है। यह कार्य लगभग अंतिम दौर में है। इंदौर जिले में इस तरह के अस्थाई कनेक्शन 5000, खंडवा में 10400, धार में 9900, उज्जैन में 10800, रतलाम में 7150, देवास में 6690, शाजापुर में 5060, मंदसौर में 7710, नीमच में 3460 किसानों को रबी की सिंचाई कार्य के लिए अस्थाई कनेक्शन नियमानुसार दिए गए है। यह कार्य अब भी जारी है।
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अच्छी आपूर्ति के लिए बहुत उपयोगी
स्थाई कनेक्शन के लिए किसानों को अपेक्षाकृत ज्यादा राशि चुकाना होती है, क्यों कि यह कार्य वर्षभर के लिए होता है। सिर्फ चार माह के लिए अस्थाई कनेक्शन लेने के लिए देय योग्य राशि तुलनात्मक कम होती है, इस कम राशि से विधिवत बिजली लेकर एक फसल आसानी से उपजाई जा सकती है। बिजली वितरण कंपनी के लिए भी अस्थाई कनेक्शन चोरी रोकने में मदद, राजस्व प्राप्ति और सही लोड की गणना के हिसाब से बहुत कारगर होते है। अच्छी बिजली आपूर्ति में यह प्रक्रिया उपयोगी साबित होती है।