इंदौर। प्रवासी भारतीय सम्मेलन के तीसरे दिन भी मेहमानों ने अपनी संस्कृति, परिवेश का अदभुत नज़ारा प्रस्तुत किया। अपने वतन से मिलो की दूरी होने के बावजूद ये मेहमान हमारी संस्कृति और परिवेश से दूर नहीं हो सके। ऐसी ही खुबसूरती और भारतीय वेषभूषा में कतर से एक डेलीगेट्स का समूह सम्मेलन में आया है।
महिलाओं ने पहने देवी देवताओं के डिजाइन के गहने और रंग बिरंगी सडीयां
प्रवासी भारतीय सम्मेलन में कतर से लगभग 50 महिलाओं के इस ग्रुप ने सभी मेहमानों का ध्यान अपनी और आकर्षित किया हुआ है, इन सभी महिलाओं ने जरी जरदोसी, बाघ प्रिंट, महेश्वरी प्रिंट, राजस्थानी बॉर्डर और अन्य आकर्षक साडिया पहनी है।
गहनों पर है देवी देवताओं के चित्र
महिलाओं के इस ग्रुप ने कई प्रकार के गहने पहने है, इन गहनों की खासियत यह है कि इनके ऊपर देवी देवताओं के चित्र बड़ी ही खूबसूरती से बनाए गए है। साथ ही महिलाओं ने चप्पल, चूड़ियां, घड़ी और अन्य भारतीय आभूषण पहने है।
हमें अपने भारतीय होने और उसकी वेषभूषा पर गर्व है।
महिलाओं ने बताया की हम यहां से मिलो दूर है, लेकिन आज भी हमे अपने देश से दूर होने का दुख है, आज भी हम विदेश में किसी त्यौहार पर भारतीय वेषभूषा पहनते है। ताकि बाहर के लोगों को हमारी संस्कृति और इसकी खूबसूरती का एहसास हो।
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