भारतीय सिरप पीने से उज्बेकिस्तान के 18 बच्चो की मौत के मामले में सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। नोएडा की मैरीन बायोटेक ने बनाए थे। इस मामले को भारत की फार्मा एक्सपोर्ट काउंसिल फार्मेक्सिल ने गंभीरता से लिया है। काउंसिल ने कंपनी की मेंबरशिप को सस्पेंड कर दिया है। यह काउंसिल वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है।
फार्मा एक्सपोर्ट काउंसिल ने दी ये जानकारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, काउंसिल ने कहा कि इस आरोप ने भारत का नाम खराब कर दिया। विश्व में भारत के फार्मा उद्योग का नाम खराब होने के साथ-साथ इसकी विश्वसनीयता भी खतरे में आ गई है।
बता दें, फार्मेक्सिल का गठन विदेश व्यापार नीति के तहत साल 2004 में किया गया था। इसका उद्देश्य भारत के फार्मासिटिकल निर्यात को बढ़ाना है।
काउंसिल ने कंपनी को लिखे पत्र
काउंसिल ने 28 और 30 दिसंबर को मैरीन बायोटेक कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सचिन जैन को पत्र लिखकर इस मामले की जानकारी चाही थी।
बता दें, ये पत्र भारत के ड्रग कंट्रोलर वीजी सोमानी और उज्बेकिस्तान में भारत के राजदूत मनीष प्रभात को भी भेजे गए हैं।