नई दिल्ली। शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को केंद्र के कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित चार सदस्यीय कमेटी पर जमकर हमला बोला है। दरअसल शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने इस कमेटी को ना सिर्फ मजाक बताया है। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा हैं कि यह कमेटी मंजूर नहीं है। इसके अलावा भी उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और केंद्र की बीजेपी सरकार पर साठगांठ का आरोप भी लगा दिया है। उन्होंने कृषि कानूनों पर फौरी रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सराहना की है और इसे भाजपा की नैतिक हार करार दिया है।
सुखबीर सिंह बादल ने कृषि कानूनों को रोकने को लेकर मंगलवार को आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है। एक तरफ तो उन्हें कानून पर रोक मंजूर है और दूसरी तरफ वे सर्वोच्च अदालत की ओर से गठित कृषि विशेषज्ञों के पैनल को मजाक करार दे रहे हैं। अकाली दल के नेता ने कई सारे ट्वीट के जरिए सर्वोच्च अदालत के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि, ‘किसानों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार की बहुत बड़ी नैतिक हार है। लेकिन, अकाली दल को उन रिपोर्ट्स को लेकर बहुत ज्यादा चिंता है कि भारत सरकार प्रदर्शनकारी किसानों के बीच हिंसा भड़का कर बहुत ही सम्मानित और सभ्य संघर्ष को बदनाम करना चाहती है। ‘
साथ ही सुखबीर सिंह बादल ने सुप्रीम की ओर से गठित एक्सपर्ट कमेटी को नामंजूर करते हुए कहा कि, ‘सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है उसमें ‘किसान विरोध कानूनों’ के समर्थक हैं, जो एक मजाक है और स्वीकार्य नहीं है। इससे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और बीजेपी की अगुवाई वाले केंद्र की साठगांठ का खुलासा हो जाता है। अकाली दल सुप्रीम कोर्ट में दिए भारत सरकार के उन आरोपों पर भी आपत्ति करता है कि प्रदर्शन में खालिस्तानी ताकतें घुस चुकी हैं।’