केंद्र सरकार लगातार टेटर फंडिंग को लेकर बयान देती रही है। इसी बीच शनिवार को एक संबोधन में गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद पर प्रहार किया है। उन्होंने बिना पीएफआई का नाम लिए उस पर निशाना साधा है। सामाजिक गतिविधियों की आड़ में कट्टरता फैलाने वाली संस्था पर भारत ने कड़ी कार्रवाई की है। इसी दौरान उन्होेने दूसरे देशों को नसीहत देते हुए कहा कि, इस तरह से हो रही गतिविधियों पर कार्यवाही करनी चाहिए। उन्होंने यहा तक दावा किया है की आतंकवाद पर हमारे द्वारा नकेल कसी जा रही है, उससे कमी आ गई है।
आतंकवाद की कोई सीमा नही
शाह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमें टेरर को रोकने के लिए मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हम इस पर बहुत तेजी से काम करने वाले हैं। मेरा मानना है कि आतंकवाद की कोई सीमा नहीं होती, इसलिए राजनीति को भुलाकर हमें मिलकर आतंकवाद को मिटाने के लिए काम करना होगा। गृहमंत्री ने कहा कि आतंकवाद ने आज एक ऐसा विकराल रूप धारण किया है, जिसका प्रभाव हर स्तर पर हमें दिखाई पड़ता है। आतंकवाद, लोकतंत्र, मानव अधिकार, आर्थिक प्रगति और विश्व शांति के खिलाफ सबसे बड़ा नासूर है।
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नो मनी फॉर टेरर कॉन्फ्रेंस
नो मनी फॉर टेरर कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए अमित शाह ने एक रिपोर्ट के हवाले से कहा कि दुनिया भर के क्रिमिनल 2 से 3 ट्रिलियन डालर की लॉन्ड्रिंग करते हैं, जिसमें आतंकवाद प्रमुख है। कुछ देशों ने टेररिज्म को अपनी नीति बनाई है, ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नारकोटिक्स और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए आतंकवाद को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। अमित शाह ने कहा कि मेरा स्पष्ट मानना है कि आतंकवाद विश्व शांति के खिलाफ है, कोई भी इसे अकेले नहीं हरा सकता, सबको कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा।
अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद
भारत अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ा केंद्र साबित होगा। उन्होंने कहा कि बहुत बार देखा गया कि संगठन और संस्थाएं आतंकवाद और रेडिकलाइजेशन को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। सभी देशों को मिलकर ऐसी संस्थाओं के खिलाफ़ कड़ाई से काम करना होगा. नो मनी फॉर टेरर कॉन्फ्रेंस के समापन के अवसर पर अमित शाह ने कहा कि सभी देशों को एफएटीएफ के नियमों को गंभीरता से लागू करना होगा. भारत टेरर फाइनेंस की रोकथाम के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।