MP में पहली बार इन धाराओं में प्रकरण दर्ज, 5 विभागों की टीम ने बनाए 9 केस

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By Rohit KanudePublished On: October 18, 2022

प्रदेश में पहली बार तम्बाकू उत्पाद से जुड़े कारोबार पर कोटपा एक्ट के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। इंदौर संभाग के खरगोन शहर में सोमवार को खंडवा रोड स्थित तीन मंजिला सुनसान मकान में जिला प्रशासन के 6 विभागों ने एक साथ जांच आरम्भ की। बताया गया कि प्रारम्भिक रूप से जांच में 42 लाख रुपये से अधिक की तम्बाकू व अन्य सामग्री जब्त की गई है। खरगोन खाद्य सुरक्षा अधिकारी एचएल अवास्या ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में कोटपा एक्ट में पहला मामला है जिसमें विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। शहर में तम्बाकू के अवैध कारोबारी ब्रजेश टोबेको (जय अम्बे घोड़ा छाप तम्बाकू खंडवा रोड खरगोन) पर सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम ( कोटपा ) 2003 की धारा 5, 7, 20 और 22 में प्रकरण दर्ज किया गया है।

MP में पहली बार इन धाराओं में प्रकरण दर्ज, 5 विभागों की टीम ने बनाए 9 केस

इस पूरी कार्यवाही को लेकर खरगोन एसडीएम ओमनारायण सिंह ने बताया कि सोमवार को सुनसान मकान की जांच के बाद तम्बाकू के अवैध कारोबार का पता चला था। मंगलवार को जिला प्रशासन के 6 विभागों ने अलग-अलग अधिनियमों में प्रकरण पंजीबद्ध किये गए है। तम्बाकू के अवैध कारोबार में 42 लाख रुपये की अवैध तम्बाकू जब्त कर कारखाने को सील किया गया। इस कारखाने में अलग-अलग मंजिल पर करीब 30 श्रमिक कार्यरत पाए गए। कार्यवाही में 5932 किलो. तम्बाकू जब्त की गई। इसके अलावा शहर के खसखसवाड़ी में भी मकान सह गोडाउन की संदेह होने पर जांच की गई। यहाँ से 83 बोरो में अवैध तम्बाकू बरामद की गई। हालांकि यहां अभी पूरी जांच होना बाकी है। खंडवा रोड़ स्थित कारखाने में ब्रजेश टोबेको तम्बाकू विक्रेता की जांच के बाद 5 विभागों ने अलग-अलग प्रकरण बनाये है। यहां टैक्स चोरी का भी संदेह है। इसकी भी छानबीन जारी है। इस अवैध तम्बाकू के कारखाने पर एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है।

बाल श्रम, माप विज्ञान, भू संहिता और घरेलू संयोजन के बने प्रकरण 

सोमवार को हुई कार्यवाही के बाद शामिल विभागों ने मंगलवार को भी आवश्यक छानबीन जारी रखी। इसके बाद 5 विभागों ने प्रकरण पंजीबद्ध किये है। जबकि 2 विभागों की अभी भी जांच जारी है। इस सम्बन्ध में एसडीएम सिंह द्वारा दी गई जानकारी अनुसार श्रम, स्वास्थ्य, बिजली, नापतोल और राजस्व विभाग ने अलग अलग अधिनियम में प्रकरण बनाये है। जबकि नगर पालिका द्वारा अभी भी जांच की जा रही है। इसी तरह इस पूरे मामले में भारी संख्या में जीएसटी चोरी का संदेह होने से टैक्स निरीक्षक भी जांच में जुटे है।