नई दिल्ली। मंगलवार को वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने चीन को लेकर दुनिया को आगाह करते हुए कहा कि, चीन पाकिस्तान को मोहरा बनाकर अपना वर्चस्व बढ़ाना चाहता है। भदौरिया ने कहा कि, अमेरिका के अफगानिस्तान से बाहर निकलने के बाद से चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए रास्ते खुल गए हैं।
उन्होंने कहा कि, वैश्विक भू-राजनीतिक मोर्चे पर विकसित अनिश्चितताओं और अस्थिरता ने चीन को अपनी बढ़ती शक्ति का प्रदर्शन करने का मौका दिया है और अप्रत्यक्ष रूप से यह वैश्विक सुरक्षा के लिए प्रमुख शक्तियों के अपर्याप्त योगदान को भी सामने लाया है। वायुसेना प्रमुख ने आगे कहा कि, छोटे देश और अलगाववादियों की मदद से चीन को ड्रोन जैसे कम लागत वाली तकनीक आसानी से उपलब्ध हो जा रहे हैं, जिससे वह प्रतिकूल प्रभाव पैदा करने में सफल हो रहा है।
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि, वैश्विक मोर्चे पर भारत और चीन के बीच संघर्ष किसी भी दृष्टिकोण से अच्छा नहीं है। यदि चीन की आकांक्षाएं वैश्विक हैं तो यह उनकी योजना के अनुरूप नहीं हैं। उत्तर में उनकी कार्रवाई से साफ पता चलता है कि उनका उद्देश्य क्या है। उन्होंने कहा कि, हमें वास्तविक रूप से पता है कि चीन ने अपने इस कदम से क्या हासिल क्या।
The low-cost & easy availability of simple disruptive technologies such as drones with small state and non-state actors have made them more lethal, agile and capable of generating disproportionate effects: IAF Chief RKS Bhadauria pic.twitter.com/IY6Z5eiwXV
— ANI (@ANI) December 29, 2020
उन्होंने आगे कहा कि, चीन एलएसी के पास भारी संख्या में सेना को तैनात किया है और उनके पास रडार और मिसाइल की बड़ी संख्या मौजूद हैं, लेकिन हमारी सेना भी हर स्तर पर तैनात है।
आपको बता दें कि, चीन एशिया महाद्वीप के छोटे देश जैसे नेपाल, पाकिस्तान और म्यांमार को आर्थिक रूप से सहायता कर भारत और कई अन्य देशों को चुनौती देने की कोशिश कर रहा है। साथ ही चीन अपने व्यापार को बढ़ाने की कोशिश में भी लगा है।