दशहरा के इस मौके पर शिवाजी पार्क में उद्धव ठाकरे एक महा रैली की है। इस दौरान उन्होंने एकनाथ शिंदे पर जोरदार हमला किया हैं। जोर देकर कहा है कि, कटप्पा को जनता माफ नहीं करने वाली है। साफ कहा गया है कि शिवसैनिकों की गद्दी पर सिर्फ एक शिवसैनिक का ही अधिकार रहने वाला है। उद्धव ने कहा है कि गद्दारों को गद्दार ही कहा जाएगा।
शिवसेना का नाम चुराने की कोशिश
ये बात सभी को पता होनी चाहिए शिवसेना की गद्दी मेरे शिवसैनिकों की है। जनता कभी भी कटप्पा को माफ नहीं करने वाली है। बीजेपी ने भी सही नहीं किया, उसने भी धोखा देने का काम किया। उद्धव ने शिंदे पर बड़ा बयान देते हुए ये भी कह दिया ये लोग शिवसेना का नाम चुराने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन ये लोग सिर्फ कुछ समय के लिए ही कुर्सी पर रहने वाले हैं। इनका कोई भविष्य नहीं है. मैं हिंदू हूं, किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है, झुकने की जरूरत नहीं है।
हिंदुत्व का पाठ पढ़ने की है जरूरत
उद्धव ने आगे कहा कि मेरा नाम सिर्फ उद्धव ठाकरे नहीं है, बल्कि मैं उद्धव बालासाहेब ठाकरे हूं। मुझे बीजेपी वालों से हिंदुत्व का पाठ पढ़ने की जरूरत नहीं है। बीजेपी वाले तो इस समय शिवसेना की गद्दी चुराने की कोशिश में लगे हैं। वो जो भी कर रहे हैं, ठीक नहीं है। उद्धव ने प्रधानमंत्री मोदी की पाकिस्तान यात्रा का जिक्र करते हुए ये भी कहा कि जो लोग पाकिस्तान में जा केक खाते हैं, वो हिंदुत्व की बात कैसे कर सकते हैं। आप सिर्फ गाय-गाय की बात करते हैं, महंगाई पर कभी कुछ नहीं बोलते।
आईना दिखाने का काम
शिवसेना अध्यक्ष ने अपने संबोधन में संघ की भी तारीफ की। कुछ दिन पहले ही संघ की तरफ से महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा उठाया गया था। अब उसी बात का जिक्र करते हुए उद्धव ने कहा है कि आप लोगों ने पार्टी को आईना दिखाने का काम किया है। इस बात के लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। रैली में उद्धव की तरफ से एक बड़ा दावा भी किया गया। जब वे संघ की तारीफ कर रहे थे, उन्होंने मोहन भागवत का जिक्र करते हुए कहा कि, हमने उनसे कहा था कि वे राष्ट्रपति बन जाएं। हम उनका काफी सम्मान करते हैं।
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रैली में उद्धव ने महिला सम्मान पर भी विस्तार से बात की। उन्होंने जोर देकर कहा कि मोहन भागवत महिलाओं के लिए समान अधिकार की बात करते हैं। लेकिन अंकिता भंडारी की हत्या कर दी जाती है। बिलकिस बानो के आरोपियों को गुजरात सरकार छोड़ देती है। उनका स्वागत करती है. हिंदुत्व हमे हमेशा महिलाओं का सम्मान करना सिखाती है।
लंबे समय तक लड़ाई
वैसे उद्धव ठाकरे को एक सांकेतिक जीत पहले ही मिल चुकी है। लंबे समय तक लड़ाई इस बात पर रही कि शिवाजी पार्क में रैली किसकी होगी। सत्ता में क्योंकि एकनाथ शिंदे रहे, ऐसे में पहले साफ कर दिया गया कि उनका गुट ही शिवाजी पार्क में रैली करने वाला है। लेकिन उद्धव ठाकरे ने बॉम्बे हाई कोर्ट में फैसले को चुनौती दी और वहां से उन्हें उम्मीद के मुताबिक बड़ी राहत भी मिल गई। शिवाजी पार्क में उद्धव खेमे को रैली करने की इजाजत मिल गई। उस इजाजत ने ही शिंदे बनाम उद्धव वाली खाई को और ज्यादा गहरा कर दिया।