इंदौर। ग्राम पीपल्याराव तहसील जूनी इंदौर स्थित सीलिंग प्रभावित भूमि सर्वे नम्बर 171/2/2 पैकी रकबा 0.616 हेक्टेयर, सर्वे नंबर 171/2/2 पैकी एवं 171/1/1 पैकी रकबा 0.535 हैक्टेयर, सर्वे नंबर 173/2/2 पैकी रकबा 0.590 हेक्टेयर सर्वे नम्बर 171/1/1 पै० रकबा 0.506 हेक्टेयर सर्वे नम्बर 290/1 पैकी रकबा 0.528 हेक्टेयर सर्वे नम्बर 290/1 पैकी रकबा 0.350 हेक्टेयर सर्वे नम्बर 171/3 पै० रकबा 0.570, 171/3 पै०, रकबा 0.155 हेक्टेयर कुल रकबा 3.850 हेक्टेयर भूमि सीलिंग एक्ट नगर भूमि सीमा अधिनियम लागू होते समय अतिशेष भूमि थी।
उक्त भूमि को शासन से गरीबों को सस्ते आवास उपलब्ध कराने हेतु सर्वानंद गृह निर्माण सहकारी संस्था को विक्रय करने की सशर्त छूट व सीलिंग एक्ट से विमुक्ति प्रदान की गई थी। अर्थात सीलिंग प्रभावित यह कीमती भूमि गरीब लोगों एवं संस्था के सदस्यों को आवास उपलब्ध कराने हेतु सीलिंग से सशर्त विमुक्त की गई थी। वर्ष 2005-06 तक सर्वानंद गृह निर्माण सहकारी संस्था के नाम पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज रही है।
वर्ष 2006 में आम लोगों को भूमि से जुड़ी शर्तों की जानकारी न होने का लाभ उठाकर रणवीरसिंह पिता इंदरसिंह छाबडा, गुरूदीपसिंह पिता इंदरसिंह छाबडा, परमजीत सिंह पिता हरभजन सिंह, जितेन्द्र पिता सूरज प्रकाश धवन, सीमा पिता सौभागमल जैन, इन्द्रजीत पिता त्रिलोकसिंह, हरदीपसिंह पिता धर्मपालसिंह रूप्पल, सुधीर पिता रविकांतजी तिवारी, विपिन पिता बाबूलालजी शुक्ला, सुदामा पिता राधेश्याम जी शर्मा, गोविन्द पिता जेठानंद जी, बलविन्दर सिंह पिता बावा सिंह महेश पिता मुन्ना पथरोड तथा अन्य लोगों ने सर्वानंद गृह निर्माण सहकारी संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष गुरनाम सिंह पिता हरभजनसिंह धारीवाल से संस्था का सदस्य न होने के बावजूद भी गरीबों तथा संस्था के सदस्यों के आवास के लिए आरक्षित शहर की इस बेसकीमती जमीन को अवैधानिक रूप से खरीद लिया।
तत्कालीन संस्था अध्यक्ष गुरनाम सिंह पिता हरभजनसिंह धारीवाल द्वारा नगर भूमि सीमा अधिनियम 1976 की धारा 20 में वर्णित शर्तों के विपरीत उक्त भूमि संस्था सदस्यों को विक्रय न करते हुए गैर सदस्य रणवीरसिंह पिता इंदरसिंह छाबडा, गुरूदीपसिंह पिता इंदरसिंह छाबडा, परमजीत सिंह पिता हरभजन सिंह, जितेन्द्र पिता सूरज प्रकाश धवन, सीमा पिता सौभागमल जैन, इन्द्रजीत पिता त्रिलोकसिंह, हरदीपसिंह पिता धर्मपालसिंह रूप्पल, सुधीर पिता रविकांतजी तिवारी, विपिन पिता बाबूलालजी शुक्ला, सुदामा पिता राधेश्याम जी शर्मा, गोविन्द पिता जेठानंद जी, बलविन्दर सिंह पिता बाया सिंह महेश पिता मुन्ना पथरोड तथा अबिन मेहता को अवैधानिक रूप से विकय कर दी। उक्त विक्रय संव्यवहार के आधार पर गैर सदस्य क्रेतागण द्वारा अपने हित में राजस्व अभिलेखों में नामांतरण भी स्वीकृत करा लिया था।
उक्त संबंध में मोतीलाल खत्री अध्यक्ष सर्वानंद नगर रहवासी संघ द्वारा शिकायत प्रस्तुत करने तथा अनियमितता होने संबंधी तथ्य संज्ञान में आने पर तत्कालीन अपर कलेक्टर द्वारा प्रकरण स्वमेव निगरानी में लिये जाकर संबंधित पक्षों को सूचना पत्र जारी किए गए थे। उक्त सूचना पत्रों को क्रेतागण द्वारा न्यायालय अपर आयुक्त इंदौर में चुनौती दी गई, जिस पर न्यायालय अपर आयुक्त इंदौर द्वारा अपर कलेक्टर इंदौर द्वारा जारी सूचना पत्रों तथा संपूर्ण कार्यवाही को निरस्त कर दिया गया। मोतीलाल खत्री अध्यक्ष सर्वानंद नगर रहवासी संघ द्वारा न्यायालय अपर आयुक्त इंदौर के उक्त आदेश को राजस्व मंडल में चुनौती देने पर राजस्व मंडल द्वारा तत्कालीन अपर कलेक्टर इंदौर द्वारा संस्थित न्यायालयीन कार्यवाहियों को उचित ठहराते हुए प्रकरण में आगामी कार्यवाही करने हेतु अपर कलेक्टर इंदौर को निर्देशित किया।
अपर कलेक्टर राजेश राठौड़ द्वारा उक्त प्रकरण में संबंधित पक्षकारों को विधिवत सुनवाई करते हुए प्रकरण में आदेश पारित कर तत्कालीन तहसीलदार द्वारा पारित किए गए नामांतरण आदेश को निरस्त करते हुए संस्था अध्यक्ष द्वारा अवैध रूप से विक्रय की गई भूमि को पुनः संस्था के नाम दर्ज करने के आदेश पारित किए है प्रश्नगत भूमि जो की नगर भूमि सीमा अधिनियम 1976 की धारा 20(क) के अन्तर्गत शासन द्वारा निर्धारित शर्तों के अध्याधीन विमुक्ति प्राप्त है। प्रश्नगत भूमि से जुड़ी विशेष शर्तों से आम जनता / निवेशक / क्रेता अनभिज्ञ है जो कभी भी अनभिज्ञता / जानकारी के अभाव में धोखाधडी के शिकार हो सकते हैं को देखते हुए कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने तहसीलदार जूनी इंदौर को इस भूमि के राजस्व अभिलेखों के कॉलम नंबर 12 में “नगर भूमि सीमा अधिनियम 1976 की धारा 20 ( क) के अन्तर्गत विशेष शर्तों के अधीन विमुक्त भूमि” की अभ्युक्ति दर्ज करने के निर्देश दिए है ताकि प्रश्नगत भूमि का शासन की शर्तों के विपरीत व्ययन / अंतरण ना किया जा सके।
Also Read: Ujjain: मुख्यमंत्री शिवराज ‘महाकाल लोक’ की लोकार्पण आयोजक समिति की बैठक में हुए शामिल
कलेक्टर मनीष सिंह ने उक्त भूमि के संबंध में धारा 20 की शर्तों के पालन / उल्लंघन के संबंध में विस्तृत जांच करने के निर्देष अपर कलेक्टर श्री राजेष राठौड को दिए है। धारा 20 की शर्तों का उल्लंघन पाये जाने पर इस बेसकीमती जमीन को शासकीय घोषित करने तथा उक्त जमीन पर गरीबों के आवास हेतु सुराज कॉलोनी विकसित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा जायेगा।