Jiah Khan Suicide Case: जिया खान के डेथ केस की नए सिरे से जांच याचिका हुई ख़ारिज, कोर्ट के इनकार पर मां ने दिया ये बयान

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By Pallavi SharmaPublished On: September 15, 2022

एक्‍ट्रेस जिया खान सबको याद ही है, एक्ट्रेस ने कुछ ही फिल्मो से अपनी एक अलग छाप छोड़ी है, एक्ट्रेस के सुसाइड केस सामने आते ही पुरे देश को झटका लगा था, अब इस केस में नया मोड़ सामने आया है, जिया सुसाइड केस में मां राबिया खान  को बड़ा झटका मिला है. बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने इस केस में नए सिरे से जांच शुरू करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया है. यह केस नौ साल से चल रहा है. जिया तीन जून, 2013 को मुंबई स्थित अपने फ्लैट पर मृत पाई गई थीं. याचिका खारिज होने से राबिया निराश हैं, मगर उन्‍होंने हार नहीं मानी है. वह अपनी बेटी को न्‍याय दिलाकर रहेंगी.

बता दे, जिया की माँ राबिया इस केस को आत्‍महत्‍या का केस नहीं मानती हैं. अपनी बेटी की मौत के लिए वह सूरज पंचोली को जिम्‍मेदार मानती हैं, जिनके साथ जिया काफी विवादित रिश्‍ते में रही थीं. जिया की बॉडी के साथ एक सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उन्‍होंने सूरज के साथ रिश्‍ते को लेकर कई चौंकाने वाली बातें बताई थीं.

राबिया  ने कहा- कोर्ट के आदेश का करूंगी इंतजार
कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद ई-टाइम्‍स से बातचीत में राबिया ने कहा है, ‘’मैं आदेश के आने का इंतजार करूंगी और फिर अपना अगला कदम उठाऊंगी. मैं कई सवाल पूछती रही हूं, जिनका अभी तक जवाब नहीं मिला है. मैं एक जांचकर्ता अधिकारी नहीं हूं, मगर एक मां के तौर पर कुछ कॉमन सेंस सवाल पूछे थे, जिनका उन लोगों ने जवाब नहीं दिया.’’
Jiah Khan Suicide Case: जिया खान के डेथ केस की नए सिरे से जांच याचिका हुई ख़ारिज, कोर्ट के इनकार पर मां ने दिया ये बयान

राबिया ने जिया की मौत के लिए सूरज पंचोली को जिम्‍मेदार ठहराते हुए केस को रीओपन करने के लिए कुछ समय पहले बॉम्‍बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें उन्‍होंने दावा किया था कि पिछली जांच के दौरान कई गलतियां हुई थीं. इस वजह से वह चाहती हैं कि नए सिरे से केस की जांच हो, ताकि दोबारा सुनवाई हो सके.

लेकिन अब  कोर्ट ने राबिया की याचिका खारिज कर दी. जज ए एस गडकरी और एम एन जाधव ने राबिया की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें सीबीआई की जांच पर पूरा भरोसा है. साथ ही सीबीआई की तरफ से वकील संदेश पाटिल ने कहा की सीबीआई ने मामले में निष्पक्ष जांच की है, इस कारण मामले में दोबारा जांच की जरूरत नहीं है.