वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस का कल 12 सितंबर को फैसला आएगा। अदालत में फैसला सुनाए जाने के पहले ही यहां का जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। आज वाराणसी कमिश्नरेट की सुरक्षा समीक्षा को लेकर बैठक की गई। जिसमें कानून व्यवस्था को लेकर आने वाले चुनौतियों से निपटने और तैयारियों को लेकर चर्चा हुई।
पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने कहा कि न्यायालय में महत्वपूर्ण मामले में निर्णय सुनाए जाने की संभावना के दृष्टिगत सभी पुलिस अधिकारियों की बैठक की गई है। धारा 144 लागू कर दी गई है और सेक्टर स्कीम लागू कर दी गई है। सभी थानेदारों, एसीपी, एडीसीपी और डीसीपी को अतिरिक्त सतर्कता के साथ ड्यूटी करने को कहा गया है।
वाराणसी की जिला अदालत ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में मुकदमे की पोषणीयता अर्थात यह मुकदमा कोर्ट में चलने योग्य है या नहीं, इसी बात पर फैसला सुनाएगी। बता दें पूरे कमिश्नरेट एरिया में धारा-144 लगा दी गई है। बैठक में सभी धर्मगुरुओं एवं महत्वपूर्ण व्यक्तियों के साथ संवाद करने के निर्देश भी दिए गए हैं। वहीं संवेदनशील इलाकों में एरिया डॉमिनेशन के तहत फ्लैग मार्च और फुट पेट्रोलिंग के करने के निर्देश दिए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला जज की अदालत में श्रृंगार गौरी मामले में 24 अगस्त को सभी पक्षों की तरह से बहस पूरी कर ली गई थी और जिला जज ने 12 सितंबर तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। दरअसल, इस मामले में तत्कालीन सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने सर्वे का आदेश जारी किया था। इसके बाद ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर का सर्वे किया गया था।
क्या है पूरा मामला..??
श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन पूजन का मामला राखी सिंह और अन्य चार महिलाओं द्वारा वाराणसी के अदालत में दायर किया गया था। मामले में मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी का दावा है कि ज्ञानवापी परिसर में प्लेसेज ऑफ वर्शिप (स्पेशल प्रॉविजंस) एक्ट, 1991 लागू होगा। यानी देश की आजादी के दिन धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, वही रहेगी।
हिंदू पक्ष की महिलाओं का दावा है कि ज्ञानवापी में प्लेसेज ऑफ वर्शिप (स्पेशल प्रॉविजंस) एक्ट, 1991 लागू नहीं होगा। वहां देश की आजादी के बाद वर्ष 1991 तक मां श्रृंगार गौरी की पूजा होती थी।