नई दिल्ली। बुधवार शाम को विपक्षी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर कानूनों को रद्द करने की मांग की। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सीपीएम महासचिव सीतारम येचुरी समेत विपक्ष के 5 नेता शामिल रहे। वही, मुलाकात में विपक्ष के नेताओं ने एक ज्ञापन देकर कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की और कहा कि किसानों को सरकार पर अब भरोसा नहीं रहा है।
साथ ही राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि, कृषि कानून किसान विरोधी हैं। हमने राष्ट्रपति से कहा है कि इन किसान विरोधी कानूनों को वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि, “पीएम ने कहा था कि ये कानून किसानों के हित में हैं, तो फिर किसान सड़क पर क्यों खड़े हैं? सरकार को ये नहीं समझना चाहिए कि किसान डर जाएंगे और हट जाएंगे। जब तक कानून वापस नहीं हो जाते, तब तक किसान न हटेगा न डरेगा।”
उन्होंने आगे कहा कि, “सरकार को गलतफहमी में नहीं होना चाहिए कि किसान समझौता कर लेगा। मैं किसानों से कह रहा हूं कि अगर आप आज नहीं खड़े हुए तो फिर आप कभी नहीं खड़े हो पाओगे और हम सब आपके साथ हैं। आप बिल्कुल मत घबराइए। आपको कोई पीछे नहीं हिला सकता, आप हिदुस्तान हो।” राहुल गांधी ने कहा कि, किसानों की ताकत के सामने कोई खड़ा नहीं हो सकता। हिंदुस्तान का किसान न हटेगा और न डरेगा। जब तक कानून रद्द नहीं होते तब तक वे डटे रहेंगे।
A delegation of opposition leaders comprising Sharad Pawar, Rahul Gandhi, D. Raja, Sitaram Yechury and T.K.S. Elangovan called on President Ram Nath Kovind at Rashtrapati Bhavan and presented a memorandum: Rashtrapati Bhavan #FarmLaws pic.twitter.com/YauX9jcyMe
— ANI (@ANI) December 9, 2020
वही, राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि, “सभी विपक्षी पार्टियों ने सरकार से अनुरोध किया था कि कृषि बिलों पर गहराई से बहस हो और इसे सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए, लेकिन दुर्भाग्यवश इसे जल्दबाजी में पास कर दिया गया। इस ठंड में किसान सड़कों पर बैठकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए नाखुशी जाहिर कर रहे हैं। यह सरकार का दायित्व है कि उनके मुद्दों को सुलझाएं।”
कृषि कानून किसान विरोधी है। PM ने कहा था कि ये कानून किसानों के हित में हैं, तो फिर किसान सड़क पर क्यों खड़े हैं? सरकार को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान डर जाएंगे और हट जाएंगे। जब तक कानून वापिस नहीं हो जाते तब तक किसान न हटेगा न डरेगा: राहुल गांधी, कांग्रेस pic.twitter.com/8IZWTiPvzV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 9, 2020
साथ ही राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि, हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है। हमने उनसे अपील की है कि कृषि कानूनों और बिजली संशोधन विधेयक जिन्हें गैर लोकतांत्रिक तरीके से पास किया गया था, उन्हें वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि, 25 से अधिक विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। ये कानून भारत के हित में नहीं हैं और इससे हमारी खाद्य सुरक्षा को भी खतरा है।
विपक्ष के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की और एक ज्ञापन प्रस्तुत किया। pic.twitter.com/IXAB24w0xN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 9, 2020
उल्लेखनीय है कि, केंद्र सरकार द्वारा संसद से पास कराए गए तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब समेत देश के कई अन्य प्रदेशों के किसान पिछले करीब 14 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वही, किसानों के इस आंदोलन को कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने भी अपना समर्थन दिया है और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। इसी कड़ी में विपक्षी दलों के पांच नेताओं ने आज राष्ट्रपति से मुलाकात की।