नोएडा के सेक्टर-93 में बने सुपरटेक के 32 मंजिला ट्विन टावर्स आज रविवार को जमींदोज हो जाएंगे. दोपहर ढाई बजे 3700 किलोग्राम बारूद के जरिए इस गंगनचुंबी इमारत को जमीन में मिला दिया जाएगा. देश में पहली बार इतनी बड़ी इमारत को ध्वस्त किया जा रहा है. जिसके चलते सुरक्षा के मद्देनजर विशेष इंतजाम किए गए हैं. इस दौरान टावर के आसपास की सोसाइटियों को खाली करा लिया गया है. वहीं धमाके के समय कुछ देर के लिए आसपास की सड़कों को भी पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा. इसके लिए बकायदा ट्रैफिक रूट डायवर्जन प्लान जारी किया गया है. इस बीच बेजुबान जानवरों को भी इस धमाके से बचाने की कवायद की जा रही है.
लेकिन उन लोगों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं, जिन्होंने सुपरटेक ट्विन टावरों में फ्लैट खरीदने के लिए भुगतान किया था. लेकिन अभी तक रिफंड नहीं मिला है. दरअसल ट्विन टावर में 711 लोगों ने फ्लैट्स खरीदे थे, इसमें से 652 लोगों के साथ सेटलमेंट कर लिया गया है, जबकि 59 ग्राहकों को अभी तक रिफंड नहीं मिला है.
ट्विन टावर में फ्लैट खरीदने वाले लोगों का कहना है कि उनका पैसा वापस किया जाए. इस मामले में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई थी. न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा था कि IPR को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में 30 सितंबर तक 1 करोड़ रुपये जमा जमा करने होंगे, ताकि सुपरटेक होमबॉयर्स को कुछ भुगतान किया जा सके. वहीं याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा था कि खरीदारों का कुल 5.15 करोड़ रुपया लंबित है. इस मामले में सीआरबी और सुपरटेक के अधिकारियों के साथ चर्चा की गई है.
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ट्विन टावर में 711 ग्राहकों ने फ्लैट्स बुक कराए थे. सुपरटेक ने 652 ग्राहकों के साथ सेटलमेंट कर लिया है. बुकिंग अमाउंट और ब्याज मिलाकर रिफंड का विकल्प आजमाया गया. मार्केट या बुकिंग वैल्यू+इंटरेस्ट की कीमत के बराबर प्रॉपर्टी दी गई. प्रॉपर्टी की कीमत कम या ज्यादा होने पर पैसा रिफंड किया या अतिरिक्त रकम ली गई. जिन लोगों को बदले में सस्ती प्रॉपर्टी दी गई, उनमें सभी को अभी तक बाकी रकम नहीं मिली है. ट्विन टावर्स के 59 ग्राहकों को अभी तक रिफंड नहीं मिला है
31 मार्च 2022 रिफंड की आखिरी तारीख थी. दरअसल, 25 मार्च को सुपरटेक के इंसोल्वेंसी में जाने से रिफंड की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई. हालांकि इंसोल्वेंसी में जाने से रिफंड की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई. हालांकि इंसोल्वेंसी में कुछ हिस्सा जाने के बावजूद और बाकी हिस्सा दिवालिया प्रक्रिया से बाहर होने पर भी सभी को रिफंड नहीं मिला. कुछ लोगों को प्लॉट/फ्लैट देकर बकाया रकम बाद में देने का वादा भी अभी तक अधूरा ही है. इंसोल्वेंसी में जाने के बाद मई में कोर्ट को बताया गया कि सुपरटेक के पास रिफंड का पैसा नहीं है
ध्वस्तीकरण के बाद इससे 55,000 से 80,000 टन तक मलबा निकलेगा. जिसे हटाने में कम से कम 3 महीने का समय लगेगा. इसका निस्तारण सेक्टर-80 में बने सी एंड डी प्लांट में किया जाएगा. इतना ही नहीं, जैसे ही धमाका होगा इससे हवा में कंक्रीट की धूल का बड़ा गुबार उठेगा, जो आसपास के इलाकों पर छा जाएगा. इससे बड़ा वायु प्रदूषण होने की संभावना है. हालांकि इससे निपटने के लिए नोएडा प्राधिकरण द्वारा कई तरह की तैयारी कई गई हैं, ताकि धूल ज्यादा देर तक हवा में न रह सके. साथ ही आसपास के इलाके में रहने वाले लोगों के लिए भी गाइडलाइन जारी की गई है.