नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर भारत के प्रस्ताव का 72 देशों द्वारा समर्थन करने के साथ संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक दिवस घोषित किया गया। इसके उपलक्ष में कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय रायचूर व नवार्ड ने कृषि एवं सम्बद्ध विभागों के सहयोग से दो दिवसीय कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। इस कॉन्क्लेव में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि पोषक अनाज का महत्व हमें दुनिया के सामने लाना हमारा लक्ष्य है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि कॉन्क्लेव में मिलेट को लेकर दो दिन जो विचार विमर्श हुआ उसकी सार्थकता शीघ्र सामने आएंगी। मीलेट को प्रोत्साहन और बढ़ावा सिर्फ खाद्यान्न की जरूरतें ही पूरी नहीं करेगा बल्कि नए स्टार्टअप को इसके प्रोडक्ट्स दुनिया के सामने लाने का मौका मिलेगा। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
आज दुनिया के सामने नए प्रोडक्ट और स्टार्टअप लाने का नया मौका है, जिसमें कर्नाटक का प्रमुख योगदान है। मीलेट उत्पादन के लिए काफी अच्छा है और उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी। इसमें पानी भी काफी कम उपयोग होता है जिससे पथरीली भूमि पर खेती करने में आसानी होगी। इनोवेशन चैलेंज के तहत एग्री स्टार्टअप को प्रोत्साहन स्वरूप एक-एक करोड़ रुपये के तीन पुरस्कारों की घोषणा की गई साथ ही अनेक पुरस्कारों की घोषणा भी की गई।,
किसानों की खेती की लागत कम हों, उन्हें तकनीक का पर्याप्त समर्थन हों
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अनेक योजनाओं का सृजन किया गया है। जिनका लाभ देश भर को मिल रहा है। जिनका लाभ देशभर में किसानों को मिल रहा है। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि किसानों की खेती की लागत कम हों, उन्हें तकनीक का पर्याप्त समर्थन हों, सुक्ष्म सिंचाई जैसी योजनाओं का वे लाभ ले सकें। छोटे किसानों की ताकत बढाने की 6,865 करोड़ रु खर्च कर 10 हजार नए एफपीओ बनाए जा रहे हैं। जो छोटे किसानों की ताकत बन सकेंगे।
मुख्यमंत्री बोम्मई ने रायचूर विश्वविद्यालय के किसानों की सराहना करते हुए कहा कि कृषि वैज्ञानिकों के अनुसंधान का लाभ खेती तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने कॉन्क्लेव का निष्कर्ष शीघ्र सरकार को एक रिपोर्ट देने का आग्रह किया।