गुप्त सूत्रों की वजह से पत्रकारों के ऊपर नहीं होगा मानहानि का केस- सर्वोच्च न्यायालय

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By Rohit KanudePublished On: August 19, 2022

सुप्रीम कोर्ड ने पत्रकारों के हित के में एक अहम फैसला सुनाया हैैं। किसी खबर को लिखते समय बिना किसी प्रमाण का भी लिख सकता हैं। कुछ समय पहले त्रिपुरा के केस में पत्रकार नारायण ने सर्वोच्च न्यायालय में एक अपील दर्ज करवाई थी। जस्टिस डी वाई चंड्रचूर्ड की बेंच ने फैसला सुनाते हुए आदेश दिया है कि गुप्त सूत्र मुखबिर लिखने में पत्रकारों के ऊपर मानहानी का केस दर्ज नहीं कर सकते हैं।

गौरतलब है कि, जब किसी बिना प्रमाण के खबर का प्रकाशन किया जाता हैं तो उसकी वजह से लिखने वाले पत्रकार के ऊपर मानहानी का केस हो जाता था। इसके कारण बहुत सारी अहम खबरें प्रकाशित नहीं हो पाती थी। बीते कुछ दिन पहले त्रिपुरा में ऐसा मामला देखने को मिला था। इसी मामले को ध्यान में रखते हुए नारायण नाम के एक पत्रकार ने भारत की सर्वोच्च न्यायालय में एक अपील की थी।

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जस्टिस डी वाई चंड्रचूर्ड की बेंच अपने जजमेंट में कहां कि, गुप्त सूत्र मुखबिर लिखने में पत्रकारों के ऊपर मानहानि केस दर्ज नहीं किया जा सकता है गुप्त सूत्र मुखबिर किसी भी रिपोर्ट या खबर का बिना प्रमाण दे सकता है। उन्होंने आगे उदाहरण देते हुए कहा कि, ये वैसा होगा कि हम पुलिस को कहे कि आप मुखबिर की जानकारी दो नहीं तो आप मानहानि केस दर्ज होगा। गुप्त सूत्र या मुखबिर बिना रिकॉर्ड के जानकारी देते हैं तो पत्रकार चाहे तो उस खबर को प्रमुखता के साथ लिख सकता है उसे पूर्ण रूप से स्वतंत्र अस्तित्व है।