पीपीडी पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। उन्होंने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये केंद्र की एनडीए सरकार के खिलाफ जम कर हमला बोला है। उन्होंने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि वे मुसलमानों को ‘पाकिस्तानी’, सरदारों को ‘खालिस्तानी’, कार्यकर्ताओं को ‘शहरी नक्सल’ और छात्रों को ‘टुकडे टुकडे गिरोह’ और ‘राष्ट्र-विरोधी’ के सदस्य कहते हैं। मैं यह समझने में विफल हूं कि अगर हर कोई आतंकवादी और देश विरोधी है, तो इस देश में ‘हिंदुस्तानी’ कौन है? केवल भाजपा कार्यकर्ता?
पीपीडी प्रमुख ने आगे कहा कि कश्मीर में जब तक वो फिर से धारा 370 को बहाल नहीं करते यह समस्या बानी रहेगी। उन्होने कहा कि मंत्री आएंगे और जाएंगे. बस चुनाव कराने से समस्या का कोई हल नहीं है।
आगे महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वो मुझे पकड़ने की मेरी पार्टी पर प्रतिबन्ध लगाने की कोशिश कर रहे है। क्योंकि मैं चुप नहीं रहती हो अपने आवाज उठती हूँ। उन्होंने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि बीजेपी खुद का एक ऐसा तंत्र विकसित करना चाहती है, जहां लोकतंत्र के लिए कोई जगह न हो।
उन्होंने आगे कहा, जब हमने चुनाव लड़ने का फैसला किया तो जम्मू कश्मीर में उत्पीड़न बढ़ा दिया गया। PAGD के उम्मीदवार सीमित हैं, उन्हें चुनाव प्रचार के लिए बाहर जाने की अनुमति नहीं है। अगर वो प्रचार की इजाज़त नहीं देंगे तो उम्मीदवार कैसे चुनाव लड़ेगा।