अर्जुन राठौर। इंदौर नगर निगम द्वारा तीन चार साल पहले सार्वजनिक स्थलों पर आरो का पानी पिलाने के लिए एक योजना बनाई गई थी इस योजना के तहत 5000 लीटर की पानी की टंकी के साथ ही आरो की मशीन की एक गुमटी लगाई गई थी जिसमें चार नल लगे रहते थे और इन के माध्यम से लोगों को आरओ का शुद्ध पानी मिलता था ।
इंदौर के कमिश्नर कार्यालय सहित अनेक स्थानों पर स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत पानी की गुमटी लगाई गई थी लेकिन कुछ ही समय बाद इस योजना की बर्बादी शुरू हो गई मेंटेनेंस के अभाव में इस योजना ने दम तोड़ दिया और टंकियों में पानी भरने का काम भी बंद कर दिया गया ।
यही नहीं जिन गुमटियों में आरो की मशीन लगाई गई थी वे भी निष्क्रिय हो गई । इंदौर कमिश्नर कार्यालय में 2 साल से मशीन बंद पड़ी हुई है और लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है हालात इतने बदतर हैं कि टंकी तक भरी नहीं जाती । आखिर लाखों रुपए खर्च करने के बाद इस योजना की इस कदर बर्बादी कैसे हो गई यह वास्तव में जांच का विषय है ? क्योंकि जनता के धन से लागू की गई इस योजना में आरो की मशीन लगाने वाली कंपनी ने तो कमाई कर ली लेकिन बाद में इसके मेंटेनेंस की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया और अब यह योजना धूल खा रही है ।
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टंकियों में पानी नहीं है और आरो की मशीनें बंद पड़ी हुई है लोग नलों पर आते हैं लेकिन उन्हें पानी नहीं मिलता और वे निराश लोट जाते हैं सवाल इस बात का है कि आखिर जनता के लिए शुद्ध पानी उपलब्ध कराने वाली इस योजना की बर्बादी पर अभी तक ध्यान क्यों नहीं दिया गया? लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी लोगों को शुद्ध पानी क्यों नहीं मिल रहा है ?