ईरान के कट्टर इस्लामी मौलवियों ने महिलाओं के विज्ञापन करने पर रोक लगा दी है। यह घोषणा उस विज्ञापन को लेकर छिड़ी बहस के बीच हुई है, जिसमें ढीला-ढाला हिजाब पहनी हुई महिला को आइसक्रीम खाते हुए दिखाया गया था।आइसक्रीम वाले विज्ञापन से ईरानी मौलवी भड़क गए थे। उन्होंने अधिकारियों से स्थानीय आइसक्रीम निर्माता डोमिनोज पर केस चलाने की अपील की है। इस विज्ञापन को ‘सार्वजनिक शालीनता के खिलाफ’ और ‘महिलाओं के मूल्यों’ का अपमान करने वाला बताया गया है।अब ईरान के संस्कृति और इस्लामी मार्गदर्शन मंत्रालय ने इस मामले पर देश के आर्ट और सिनेमा स्कूलों को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया कि ‘हिजाब और शुद्धता नियमों’ के अनुसार महिलाओं को अब विज्ञापनों में शामिल होने की इजाजत नहीं है। पत्र में यह भी कहा गया है कि यह रोक सांस्कृतिक क्रांति की सर्वोच्च परिषद के फैसलों के तहत ही है।
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मौजूदा फैसले को कॉमर्शियल विज्ञापनों को लेकर ईरान के नियमों पर आधारित बताया जा रहा है, जो देश में लंबे समय से लागू हैं। इसके तहत न केवल महिलाओं बल्कि बच्चों और पुरुषों के ‘इंस्ट्रूमेंटल यूज’ के तौर पर दिखाने पर रोक है। हालांकि यह सत्तारूढ़ प्रशासन की कठोरता पर निर्भर करता है।
1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से ही ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब पहनना जरूरी है। मालूम हो कि इस क्रांति के बाद धार्मिक रूप से रूढ़िवादी कानूनों को देश में तेजी से लागू किया गया। यहां की महिलाएं जब भी इन नियमों का विरोध करने की कोशिश करती हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है।