मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाई-बहन के पवन पर्व रक्षाबंधन के अवसर पर महिलाएं के लिए निशुल्क यात्रा का प्रबधन करने जा रहीं है। राजस्थान के परिवहन निगम विभाग को सरकार की ओर से प्रस्ताव भेज दिया है। 11 अगस्त रक्षाबंधन के दिन राज्य की महिलाएं व बालिकाएं सभी बसों में मुफ़्त सफर का लाभ ले सकती है। जिसमें वाल्वो सहित सभी श्रेणी की बसों का फायदा मिलेगा। इनके किराए का भुकतान गहलोत सरकार करेंगी।
राजस्थान सरकार 11 अगस्त के दिन रक्षाबंधन के पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सभी महिलाएं और लड़कियों को अपने भाई को राखी बांधने के लिए मुफ़्त सफर करवाएगी और उनके किराए का भुकतान सरकार करेंगी। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (आरएसआरटीसी) की बसों में निःशुल्क यात्रा कर सकेंगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निःशुल्क यात्रा के लिए प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।
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गहलोत के इस निर्णय से बालिकाओं एवं महिलाओं को रक्षाबन्धन के दिन 11 अगस्त (गुरुवार) को राजस्थान रोडवेज की समस्त श्रेणी की बसों (वातानुकूलित, वॉल्वो एवं अखिल भारतीय अनुज्ञा पत्रों पर संचालित बसों के अतिरिक्त) में राजस्थान राज्य की सीमा में निःशुल्क यात्रा सुविधा मिलेगी। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम को उक्त सुविधा के व्यय का पुनर्भरण राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क यात्रा पुनर्भरण मद में उपलब्ध प्रावधान में से किया जाएगा।
सफर के लिए इतनी बसों का संचालन किया जा रहा है निशुल्क
एसी, वॉल्वो बसों और राज्य की सीमा से बाहर या सीमा में सफर किए जाने पर शुल्क देना होगा। लेकिन राज्य की सीमा में ट्रेवल करने पर इस सुविधा का लाभ मिलेगा। राजस्थान से बाहर जाने पर पैसे देने होंगे। मुफ्त यात्रा का लाभ 10 अगस्त रात 12 बजे से मिलना शुरू होगा जो 11 अगस्त की रात 11:59 बजे तक मिलेगा।
एडवांस टिकट के अलावा राखी वाले दिन बस के अंदर भी परिचालक की ओर से जीरो बैलेंस वाले टिकट जारी किए जाएंगे। रोडवेज अधिकारियों के अनुसार पूरे राज्य में वर्तमान में करीब 3500 से ज्यादा बसों का संचालन किया जा रहा है। इन बसों को राखी वाले दिन भी चलाया जाएगा। बसों में महिलाओं की ज्यादा भीड़ को देखते हुए बसों के फेरे भी बढ़ाए जा सकते है।
गौरतलब है कि, उल्लेखनीय है कि सीएम गहलोत ने पिछली बार भी रक्षाबंधन पर महिलाओं एवं बालिकाओं को यह छूट प्रदान की थी। हालांकि, सीएम गहलोत के आदेश के बावजूद कई जिलों में परिचालकों ने आदेश नहीं मिलने का बहाना बनाकर महिलाओं और बालिकाओं को लाभ से वंचित कर दिया था। हालांकि, बार में उच्च अधिकारियों की सख्ती के बाद फ्री यात्रा का लाभ मिला।