चंडीगढ़ : हाल ही में झारखण्ड सरकार ने राज्य से सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) की शक्ति को रद्द कर दिया था, वहीं इससे पहले महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने भी यहीं कदम उठाया था. वहीं अब पंजाब की कांग्रेस सरकार ने भी महाराष्ट्र और झारखंड सरकार के नक्शेकदम पर चलते हुए राज्य से सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) की शक्ति को रद्द कर दिया है. पंजाब में अब सीबीआई को किसी भी केस के सिलसिले में पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी.
सोमवार को पंजाब की अमरिंदर सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है और इसके तहत अब पंजाब में जनरल कंसेंट यानी सामान्य सहमित को सीबीआई से छीन लिया गया है. अब पंजाब में सीबीआई किसी भी केस की जांच करना चाहेगी तो उसे इसके लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी. सरकार से अनुमति मिल जाने के बाद ही सीबीआई अपना कार्य कर सकेगी.
अब तक इन राज्यों में हैं सीबीआई की नो एंट्री…
इस माह की शुरुआत में जहां झारखंड की हेमंत सोरेन और अक्टूबर के अंत में महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने सीबीआई के प्रवेश को रोका है तो वहीं इससे पहले भी देश के कई ऐसे राज्य है जहां सीबीआई की एंट्री सरकार की अनुमति के बिना नहीं हो सकती है. इन राज्यों में पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और राजस्थान का नाम भी शामिल है. जबकि इन सभी के साथ ही सिक्किम, नागालैंड, छत्तीसगढ़ में भी सीबीआई के प्रवेश के लिए यहीं नियम लागू होता है. बता दें कि इन सभी प्रदेशों में भाजपा के विपक्षी दलों की सरकार है. हाल ही में सीबीआई की प्रदेश में रोक लगाने वाले महाराष्ट्र, झारखंड और पंजाब में से भी किसी भी राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं है.