दिवाली के महापर्व की नजदीकी के बीच देश के कई राज्य लगातार पटाखों पर रोक या प्रतिबंध लगा रहे हैं. कोई प्रदूषण का हवाला देकर पटाखों पर रोक लगा रहा है तो कोई कोरोना महामारी का हवाला दे रहा है. हालांकि इन कदमों पर कड़ा विरोध भी जताया जा रहा है. बता दें कि अब तक दिल्ली और राजस्थान आदि पटाखों पर प्रतिबंध लगा चुके हैं.
पटाखों पर रोक का कोई समर्थन कर रहा है तो कोई जमकर विरोध भी व्यक्त कर रहा है. अब कर्णाटक से भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता बासनगौड़ा पाटिल यतनाल ने दिल्ली सरकार द्वारा उठाये गए कदम से असहमति जताई है और उनका कहना है कि अगर दिवाली पर पटाखे नहीं जलाये जाए तो फिर शुक्रवार शोर रहित होना चाहिए. वहीं बकरीद के दिन बकरों की कुर्बानी नहीं दी जानी छाईए.
सोमवार को भाजपा नेता यतनाल ने ट्विटर के माध्यम से दिवाली पर पटाखे न जलाए जाने को लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से विरोध जताया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ‘हिंदू गणेशोत्सव, दशहरा-दुर्गापूजा और दिवाली पर एकत्र होते हैं जो कि साल में एक बार आते हैं लेकिन जब त्योहार आते हैं तो हमें पर्यावरण अनुकूल गणेशोत्सव मनाने और दिवाली पर पटाखे जलाने के उपदेश दिए जाते हैं.’
भाजपा नेता ने आगे लिखा कि, ‘रक्तहीन बकरीद होनी चाहिए, 31 दिसंबर की रात को पटाखे नहीं जलाए जाने चाहिए और शुक्रवार को लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं होना चाहिए. हम अपने घरों में दिए जलाएंगे और उन्हें बिना स्पीकरों के नमाज अदा करने दीजिए. सड़कों पर भी नमाज नहीं पढ़ी जानी चाहिए.’ बता दें कि कर्णाटक में भी दिवाली को लेकर सख्ती बरती जा रही है. शुक्रवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भी लोगों से दिवाली के विशेष अवसर को देखते हुए हरित पटाखे के साथ दिवाली मनाने की अपील की थी.