अकेला हूँ तन्हा हूँ
कोई तो कहे मैं हूँ न
चारो और भीड़ है पर
कोई तो कहे मैं हूँ न
तमस में डूबे शहर में
कोई तो कहे मैं हूँ न
मुर्दे भी बैचेन है सुनने
कोई तो कहे मैं हूँ न
ललकार रहा है जालिम
कोई तो कहे मैं हूँ न
कोई जिंदा भी है यहाँ
कोई तो कहे मैं हूँ न
धैर्यशील येवले इंदौर